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28 फ़रवरी 2015

बजट में केंद्र ने कृशि कर्ज के लक्ष्य को बढ़ाकर 8.5 लाख करोड़ किया


किसान संगठनों का कहना वायदा खिलाफी कर रही है सरकार
आर एस राणा
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बजट में किसानों के लिए वर्श 2015-16 के लिए कृशि ऋण का लक्ष्य बढ़ाकर 8.5 लाख करोड़ रूपये कर दिया। हालांकि ब्याज की दरों का पिछले बजट के बराबर ही रखा है। किसान संगठनों का कहना है कि कृशि ऋण का लक्ष्य बढ़ाने से किसानों को कोई फायदा नहीं होगा। सरकार किसानों की सच्ची हितेशी है तो फिर स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू करें, देषभर के किसान संगठन दिल्ली में 19 मार्च को पंचायत कर सरकार से किसानों के हितों की मांग करेंगे।
वित्त मंत्री अरूण जेटली ने 2015-16 का आम बजट पेष करते हुए कहा कि कृशि ऋण हमारे मेहनती किसानों को सहारा देते हैं इसलिए बजट में कृशि ऋण का लक्ष्य बढ़ाकर 8.5 लाख करोड़ किया गया है तथा उम्मीद है कि बैंक इस लक्ष्य को पार कर लेंगे। किसानों को तीन लाख रूपये तक का फसली ऋण सात फीसदी की ब्याज दर पर मिलता है। किसानों द्वारा ऋण का समय पर भुगतान करने से ब्याज दर में तीन फीसदी की कमी हो जाती है। चालू वित वर्श में कृशि ऋण वितरण का लक्ष्य 8 लाख करोड़ रूपये है तथा सितंबर तक 3.7 लाख करोड़ रूपये का बैकों द्वारा ऋण वितरण भी किया गया है।
वित मंत्री ने कहा कि किसानों को प्रभावी और अड़चनरहित कृशि ऋण प्राप्त हो इसके लिए सरकार ने 2015-16 के बजट में ग्रामीण संचरना विकास कोश में 25,000 करोड़ रूपये का आवंटन किया है। इसके अलावा दीर्घाअवधि के ग्रामीण ऋण कोश के लिए 15,000 करोड़ रूपये का आवंटन किया है। साथ ही सहकारी ग्रामीण ऋण पुनर्वित्त कोश के लिए 45,000 करोड़ रूपये और लघु अवधि के क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के पुनर्वित्त कोश के लिए 15,000 करोड़ रूपये के आवंटन का प्रस्ताव किया है।
सिंचाई को प्रोहत्सान देने व मिट्टी की सेहत सुधारने के लिए वित मंत्री ने कहा कि किसानों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता काफी गहरी है, हमने पहले ही कृशि उत्पादन के दो महत्वपूर्ण पहलुओं मिट्टी और पानी के लिए बड़े कदम उठाए हैं। वित मंत्री ने कहा कि मैं कृशि मंत्रालय की जैव कृशि योजना, परंपरा कृशि विकास योजना तथा प्रधानमंत्री ग्राम सिंचाई योजना (पीएमजीएसवाई) को समर्थन का प्रस्ताव करता हूं। मैं इन योजनाओं के लिए बजट में 5,300 करोड़ रूपये के आवंटन का प्रस्ताव करता हूं। किसानों की आमदनी बढ़ाने पर सरकार जोर देगी तथा इसके लिए राश्टीय साझा बाजार स्थापित करने की योजना है।.....आर एस राणा

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