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25 फ़रवरी 2015

मार्च के बाद अरहर की कीमतों में तेजी की संभावना


पैदावार 20 फीसदी घटने की आषंका, आयात पड़ता महंगा
आर एस राणा
नई दिल्ली। अरहर की पैदावार चालू सीजन में 20 फीसदी घटने की आषंका है जबकि आयात पड़ते भी महंगे हैं। ऐसे में मार्च के बाद अरहर की कीमतों में 8 से 10 फीसदी की तेजी आने की संभावना है। उत्पादक मंडियों में अरहर की कीमतें 5,700 से 6,000 रूपये प्रति क्विंटल चल रही हैं।
ग्लोबल दाल इंडस्ट्ीज के प्रबंधक सी एस नादर ने बताया कि मानसूनी बारिष कम होने से चालू सीजन में अरहर की पैदावार 18 से 20 फीसदी कम होने की आषंका है। हालाकि उत्तर प्रदेष और मध्य प्रदेष में नई फसल की आवक बढ़ने से चालू सप्ताह में इसकी कीमतों में 200 रूपये की गिरावट जरूर आई है। उत्पादक मंडियों में अरहर की कीमतें 5,700 से 6,000 रूपये प्रति क्विंटल चल रही है। मार्च कलोजिंग के बाद मिलरों के साथ ही स्टॉकिस्टों की मांग बढ़ने से अप्रैल से कीमतों में तेजी बनने की संभावना है।
दलहन आयातक कर्ण अग्रवाल ने बताया कि लेमन अरहर की कीमतें मुंबई में 887-890 डॉलर प्रति टन है तथा मार्च-अप्रैल षिमपेंट के सौदे 5,881-6,000 रूपये प्रति क्विंटल में हो रहे है। आगामी दिनों में आयात और भी महंगा होगा, साथ ही मार्च के बाद घरेलू फसल की आवक कम हो जायेगी। इसलिए घरेलू बाजार में मार्च के बाद अरहर की मौजूदा कीमतों में 800 से 1,000 रूपये प्रति क्विंटल की तेजी बनने की संभावना है।
कृशि मंत्रालय के दूसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार 2014-15 में अरहर की पैदावार 13 फीसदी घटकर 27.5 लाख टन होने का अनुमान है जबकि फसल वर्श 2014-14 में इसकी पैदावार 31.7 लाख टन की पैदावार हुई थी। मंत्रालय के एक वरिश्ठ अधिकारी के अनुसार चालू सीजन में अरहर की बुवाई में तो मामूली कमी आई है लेकिन प्रतिकूल मौसम से प्रति हैक्टेयर उत्पादकता में कमी आई है। चालू सीजन में 15.38 लाख हैक्टेयर में अरहर की बुवाई हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 15.52 लाख हैक्टेयर में बुवाई हुई थी।....आर एस राणा

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