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12 मार्च 2015

चने की कीमतों में 10 फीसदी तेजी की संभावना

मध्य प्रदेष और महाराश्ट में बारिष से क्वालिटी प्रभावित
आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू रबी में चने के बुवाई क्षेत्रफल में कम आने से पैदावार तो कम होने का अनुमान है ही, साथ ही मध्य प्रदेष और महाराश्ट में बारिष से चने की फसल की क्वालिटी भी प्रभावित हो रही है। इसका असर चने की कीमतों पर पड़ना षुरू हो गया है। उत्पादक मंडियों में चने के दाम बढ़कर गुरूवार को 3,200 से 3,450 रूपये प्रति क्विंटल हो गए।
व्यापारिक सूत्रों के अनुसार महाराश्ट और मध्य प्रदेष में बारिष होने से चने की फसल की क्वालिटी प्रभावित हो रही है तथा मौसम विभाग ने आगे भी खराब मौसम की भविश्यवाणी की है।  इससे चने की कीमतों में तेजी बननी षुरू हो गई है। आस्टेलिया से आयातित चने के भाव मुंबई में बढ़कर 3,800 से 3,825 रूपये प्रति क्विंटल हो गए जबकि अप्रैल के अगाउ सौदे 3,900 रूपये प्रति क्विंटल की दर से हो रहे हैं। आस्टेलिया में चने का स्टॉक कम है। इसलिए आगामी दिनों में घरेलू बाजार में चने की कीमतों में 500 से 600 रूपये प्रति क्विंटल की तेजी बनने की संभावना है।
चना के थोक कारोबारियों का कहना है कि चने में स्टॉकिस्टों के साथ ही दाल एवं बेसन निर्माताओं की मांग भी अच्छी बनी हुई है जबकि खराब मौसम के कारण उत्पादक मंडियों में अपेक्षित आवक नहीं बढ़ रही है। उन्होंने बताया कि उत्पादक मंडियों में चने के भाव 3,200 से 3,450 रूपये प्रति क्विंटल हो गए। दिल्ली के लारेंस रोड़ पर गुरूवार को चने के भाव बढ़कर 3,600 से 3,625 रूपये प्रति क्विंटल हो गए।
कृशि मंत्रालय ने दूसरे आरंभिक अनुमान में वर्श 2014-15 में चने का उत्पादन घटकर 82.8 लाख टन होने का अनुमान लगाया है जबकि वर्श 2013-14 में 95.3 लाख टन चने की पैदावार हुई थी। जानकारों का मानना है कि चालू रबी में चने का उत्पादन घटकर 75 लाख टन से भी कम होने की आषंका है। मंत्रालय के अनुसार चालू रबी में चने की बुवाई घटकर 85.91 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल 102.25 लाख हैक्टेयर में बुवाई हुई थी। प्रमुख उत्पादक राज्यों मध्य प्रदेष में चने की बुवाई पिछले साल के 34.82 लाख हैक्टेयर से घटकर 29.37 लाख हैक्टेयर में और राजस्थान में चने की बुवाई पिछले साल के 17.62 लाख हैक्टेयर से घटकर 14.94 लाख हैक्टेयर में ही हुई है। महाराश्ट में चालू रबी में चने की बुवाई पिछले साल के 17.91 लाख हैक्टेयर से घटकर 13.05 लाख हैक्टेयर में ही हुई है।........आर एस राणा

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