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05 मार्च 2015

खली निर्यात में 43 फीसदी की भारी गिरावट

आर एस राणा
नई दिल्ली। विष्व बाजार में कीमतें कम होने के कारण चालू वित्त वर्श के पहले 11 महीनों (अप्रैल से फरवरी) के दौरान खली निर्यात में 43 फीसदी की भारी गिरावट आई है। अप्रैल से फरवरी के दौरान 2,229,993 टन खली का ही निर्यात हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्श की समान अवधि में 3,933,664 टन का निर्यात हुआ था।
साल्वेंट एक्सटेक्टर्स एसोसिषन ऑफ इंडिया (सीईए) के अनुसार विष्व बाजार में खली की कीमतें नीचे बनी हुई है जिसकी वजह से सोयाबीन खली के निर्यात में भारी गिरावट आई है। हालांकि इस दौरान सरसों खली के निर्यात में बढ़ोतरी हुई है। सीईए के अनुसार फरवरी महीने में खली के निर्यात में 41 फीसदी की कमी आकर कुल निर्यात 181,996 टन का ही हुआ है जबकि पिछले साल फरवरी महीने में 307,260 टन खली का निर्यात हुआ था।
भारतीय बंदरगाह पर फरवरी महीने में सोयाबीन खली की कीमतें घटकर 458 डॉलर प्रति टन रह गई जबकि मई-2014 में इसकी कीतमें 710 डॉलर प्रति टन थी। कांडला बंदरगाह पर सरसों खली के दाम फरवरी महीने में 261 डॉलर प्रति टन रह गए जबकि मई-2014 में इसके दाम 274 डॉलर प्रति टन थे। मूंगफली खली के दाम फरवरी में बंदरगाह पर 442 डॉलर प्रति टन रह गए दिसंबर 2014 में इसके भाव 450 डॉलर प्रति टन थे। केस्टरसीड खली की कीमतें फरवरी महीने में घटकर 130 डॉलर प्रति टन रह गई। सीईए के अनुसार चालू वित वर्श में खली के निर्यात पर सबसे ज्यादा गिरावट ईरान, ताईवान और थाईलैंड में आई है। इसके अलावा वियतनाम, दक्षिण कोरिया और यूरोपीय की आयात मांग भी कमजोर रही है।.....आर एस राणा

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