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10 मार्च 2015

हाल ही में हुई बारिष और ओलावृश्टि से गेहूं की फसल को ज्यादा नुकसान नहीं- कृशि सचिव


रबी फसलों को हुए नुकसान पर कृशि मंत्री और सचिव की राय अलग-अलग

नई दिल्ली। उत्तर भारत में भारी बारिष के साथ ही ओलावृश्टि और तेज हवा चलने से रबी फसलों गेहूं, चना, सरसों और जौ को हुए भारी नुकसान से जहां किसानों की कमर टूट गई है, वहीं देष के केंद्रीय कृशि मंत्री और कृशि सचिव इस पर अलग-अलग राय जाहिर कर किसानों के जख्मों पर नमक छिड़ने का काम कर रहे हैं।
कृशि सचिव (भारत सरकार) के अनुसार हाल ही में हुई बारिष और ओलावृश्टि से कुछेक क्षेत्रों में ही गेहूं की फसल को नुकसान हुआ है तथा वर्तमान में पड़ रही ठंड गेहूं की फसल के लिए लाभकारी है।
मालूम हो कि केंद्रीय कृशि मंत्री राधा मोहन सिंह ने 9 मार्च 2015 को एक हिन्दी पेपर में दिए साक्षात्कार में माना था कि राज्यों से मिली प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसान हाल ही में हुई बारिष और ओलावृश्टि से लगभग 50 लाख हैक्टेयर में रबी फसलों को नुकसान हुआ है। उन्होंने माना कि सबसे ज्यादा नुकसान ओलावृश्टि से हुआ है तथा तेज हवा चलने से गेहूं की फसल खेतों में बिछ गई है।
पूसा में आयोजित कृशि विज्ञान मेला-2015 के उद्घाटन समारोह में बोलते हुए कृशि सचिव षिराज हुसैन ने कहा कि हाल ही में हुई बारिष और ओलावृश्टि से कुछेक क्षेत्रों में ही गेहूं की फसल को नुकसान हुआ है।  उन्होंने कहा कि बारिष के साथ ही तेज हवा चलने से खेतों में बिछ गई गेहूं की फसल फिर से उठ जायेगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में पड़ रही ठंड गेहूं की फसल के लिए लाभकारी है तथा चालू रबी में देष में गेहूं की रिकार्ड पैदावार होने का अनुमान है।
कृशि मंत्रालय के दूसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार चालू रबी में गेहूं की 957.6 लाख टन की पैदावार होने का अनुमान है जबकि वर्श 2013-14 में 958.5 लाख टन गेहूं का उत्पादन हुआ था।

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