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09 मार्च 2015

पैदावार में कमी की आषंका से मेंथा तेल में तेजी का रूख


आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू सीजन में मेंथा की बुवाई में कमी आने की आषंका है जिससे स्टॉकिस्टों की खरीद बढ़ गई है। उत्पादक मंडियों में सप्ताहभर में मेंथा तेल की कीमतों में 50-60 रूपये की तेजी आकर सोमवार को भाव 885-895 रूपये प्रति किलो हो गए। जानकारों के अनुसार चालू महीने के आखिर तक उत्पादक के अनुमानित आंकड़े आ जायेंगे, उसके बाद इसमें तेजी-मंदी का रूख बनेगा।
व्यापारिक सूत्रों के अनुसार चालू सीजन में मेंथा की बुवाई में 15 फीसदी की कमी आने का अनुमान है। हालांकि पिछले साल का करीब 25 से 30 फीसदी स्टॉक बचा हुआ है। ऐसे में पैदावार 15 फीसदी कम भी बैठेगी तो भी कुल उपलब्धता ज्यादा ही रहेगी। वैसे भी सिंथेटिक मेंथा का उपयोग लगातार बढ़ रहा है क्योंकि सिंथेटिक मेंथा के दाम सस्ते हैं। उत्पादक क्षेत्रों में चालू महीने में हुई बारिष से स्टॉकिस्टों की सक्रियता बढ़ गई है जिससे मेंथा तेल की कीमतों में तेजी आई है। उन्होंने बताया कि पिछले साल मेंथा तेल की पैदावार 50 से 55 हजार टन की हुई थी।
जनकारों का मानना है कि मौसम खराब होने से उत्पादक मंडियों में मेंथा तेल की दैनिक आवक घटकर 100 से 150 ड्मो (एक ड्म-180 किलो) की रह गई है। चालू सीजन में रामपुर में तो बुवाई में कमी आई है लेकिन बाराबंकी, सीतापूर और बहराइच आदि क्षेत्रों में बुवाई पिछले साल के लगभग बराबर ही होगी। ऐसे में अभी से पैदावार में कमी आने की आषंका गलत है। उत्पादन की सही तस्वीर चालू महीने के आखिर तक साफ होगी। मेंथा तेल की नई फसल की आवक जून महीने में बनेगी।
मेंथा के निर्यातकों का कहना है कि इस समय 15-16 डॉलर प्रति किलो की दर से मेंथा उत्पादों के निर्यात सौदे हो रहे हैं तथा मौसम साफ होने के बाद उत्पादक मंडियों में मेंथा तेल की दैनिक आवक बढ़ जायेगी। ऐसे में मौजूदा कीमतों में फिर गिरावट बनने की संभावना है। क्रिस्टल बोल्ड के भाव 1,000 से 1,050 रूपये प्रति किलो चल रहे हैं।
भारतीय मसाला बोर्ड के अनुसार चालू वित्त वर्श 2014-15 की पहली छमाही (अप्रैल से सितंबर) के दौरान 13,300 टन मेंथा उत्पादों का निर्यात हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्श की समान अवधि में 13,324 टन का निर्यात हुआ था। मसाला बोर्ड ने चालू वित्त वर्श में 21,000 टन मेंथा उत्पादों के निर्यात का लक्ष्य तय किया है। ....आर एस राणा

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