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24 मार्च 2015

डीओसी और तेलों की मांग के अभाव में और टूटेगा सोयाबीन


आर एस राणा
नई दिल्ली। सोया खली में निर्यात मांग तो कमजोर है ही साथ ही खाद्य तेलों में भी उठाव कमजोर है। ऐसे में सोयाबीन की कीमतों में और भी 150 से 200 रूपये प्रति क्विंटल की गिरावट आने की संभावना है। उत्पादक मंडियों में सोमवार को सोयाबीन के प्लांट डिलीवरी भाव 3,450 से 3,550 रूपये प्रति क्विंटल रहे।
सोयाबीन प्रोससर्स एसोषिएषन ऑफ इंडिया (सोपा) के प्रवक्ता राजेष अग्रवाल ने बताया कि सोया खली में निर्यात मांग काफी कमजोर है जबकि उपलब्धता ज्यादा होने से घरेलू बाजार में खाद्य तेलों की कीमतें भी नीचे बनी हुई है। कांडला बदरगाह पर सोया खली की कीमतें 28,800 से 29,000 रूपये प्रति टन चल रही है जबकि सोयाबीन के प्लांट डिलीवरी भाव 3,450 से 3,550 रूपये प्रति क्विंटल है। चालू फसल सीजन में अभी तक केवल 40 से 45 फीसदी माल की ही क्रेसिंग हो पाई है। ऐसे में स्टॉकिस्टों और उत्पादकों के पास अभी करीब 60 से 65 फीसदी सोयाबीन की उपलब्धता बनी हुई है। विष्व बाजार में अभी सोया खली की कीमतों में तेजी की संभावना नहीं है। ऐसे में घरेलू बाजार में सोयाबीन की मौजूदा कीमतों में और भी गिरावट की संभावना है।
साल्वेंट एक्सट्ेक्टर्स एसोसिएषन ऑफ इंडिया (एसईए) के अनुसार चालू वित्त वर्श 2014-15 के पहले दस महीनों (अप्रैल से जनवरी) के दौरान सोया खली के निर्यात में 44 फीसदी की भारी गिरावट आकर कुल 549,162 टन का ही निर्यात हुआ है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 2,375,231 टन सोया खली का निर्यात हुआ था। सोया खली की कीमतें 460 डॉलर प्रति टन भारतीय बंदरगाह पर है जबकि मई 2014 में इसकी कीमतें 710 डॉलर प्रति टन थी।
व्यापारिक सूत्रों का कहना है कि सोयाबीन तेल और सोया खली में उठाव नहीं होने से छोटे प्लांट बंदी के कगार पर पहुंच गए हैं। उत्पादक राज्यों में सोयाबीन का बकाया स्टॉक ज्यादा मात्रा में बचा हुआ है जबकि प्लांट जरूरत के हिसाब से ही खरीददारी कर रहे है। उन्होंने बताया कि आगामी सीजन में मानसून भी सामान्य रहने का अनुमान है। ऐसे में आगामी दिनों में दैनिक आवक बढ़ने से सोयाबीन की कीमतों में गिरावट की संभावना है।
कृशि मंत्रालय के दूसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार सोयाबीन की पैदावार 116.41 लाख टन होने का अनुमान है जबकि वर्श 2013-14 में इसकी पैदावार 118.61 लाख टन की हुई थी।.........आर एस राणा

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