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16 अप्रैल 2015

रबी मक्का की आवक चालू, कीमतों में 100 रुपये की गिरावट संभव


आर एस राणा
नई दिल्ली। रबी के प्रमुख मक्का उत्पादक राज्यों बिहार और आंध्रप्रद्रेष में नई फसल की दैनिक आवक चालू हो गई है। पोल्ट्री उद्योग के साथ ही स्टार्च मिलों की मांग कमजोर है इसलिए मक्का की मौजूदा कीमतों में करीब 100 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आने की संभावना है। पंजाब और हरियाणा पहुंच मक्का के भाव 1,600 रुपये प्रति क्विंटल रहे।
बिहार के मक्का व्यापारी पवन अग्रवाल ने बताया कि उत्पादक मंडियों में नई मक्का की आवक चालू हो गई है। हालांकि बिहार में मौसम खराब होने से आवकों का दबाव नहीं बन रहा है लेकिन उम्मीद है जल्द ही मौसम साफ हो जायेगा और आवक बढ़ जायेगी। उन्होंने बताया कि मक्का के भाव बिहार की मंडियों में 1,300 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं तथा आवक बढ़ने पर करीब 100 रुपये प्रति क्विंटल की ओर गिरावट आने का अनुमान है।
मक्का कारोबारी कमलेष जैन ने बताया कि बर्ड फ्ल्यू की बीमारी फेलने के बाद से पोल्ट्र उद्योग के कारोबार में भारी कमी आई है इसलिए पोल्ट्री उद्योग की मांग मक्का में कमजोर है। नई फसल को देखते हुए स्टार्च मिल वाले भी सीमित खरीददारी कर रहे हैं। इसलिए मक्का की कीमतों में गिरावट आने की संभावना है। बिहार से पंजाब और हरियाणा पहुंच मक्का के अगाउ सौदे 1,500 रुपये प्रति क्विंटल की दर से हो रहे हैं जबकि मध्य प्रदेष और राजस्थान से पुराने माल के सौदे 1,600 रुपये प्रति क्विंटल की दर से हो रहे हैं। आध्ंा्रप्रदेष की निजामाबाद मंडी में मक्का के भाव 1,250 रुपये प्रति क्विंटल रहे।
यू एस ग्रेन काउंसिल के भारत में प्रतिनिधि अमित सचदेव ने बताया कि विष्व बाजार में दाम कम होने के कारण भारत से मक्का के निर्यात में तेजी आने की संभावना नहीं है। उन्होंने बताया कि विष्व बाजार में मक्का की उपलब्धता ज्यादा है। विष्व बाजार में मक्का के दाम 178 से 193 डॉलर प्रति टन बने हुए हैं जबकि भारतीय मक्का के दाम 220 डॉलर प्रति हैं। एपीडा के अनुसार चालू वित्त वर्श 2014-15 के पहले दस महीनों (अप्रैल से जनवरी) के दौरान 31.74 लाख टन मक्का का निर्यात ही हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्श की समान अवधि में 36.99 लाख टन मक्का का निर्यात हुआ था। 
कृशि मंत्रालय के दूसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार चालू रबी में मक्का की पैदावार घटकर 65.1 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल रबी में 71.1 लाख टन की पैदावार हुई थी।   आर एस राणा

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