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24 अप्रैल 2015

केंद्र सरकार चीनी उद्योग को अगले सप्ताह दे सकती है राहत


आर एस राणा
नई दिल्ली। चीनी मिलों पर बढ़ते किसानों के बकाया भुगतान का लेकर केंद्र सरकार उद्योग को राहत देने के लिए अगले सप्ताह तक कुछ कदम उठा सकती है। केंद्र सरकार चीनी पर आयात शुल्क में बढ़ोरती के साथ ही बफर स्टॉक पर फैसला अगले सप्ताह तक कर सकती है।
खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पिछले सप्ताह केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने गन्ना किसान नेताओं के साथ ही प्रमुख गन्ना उत्पादक राज्यों के प्रतिनिधियों से सुझाव मांगे थे। इनमें दोनों की मांगे लगभग बराबर ही थी कि चीनी का बफर स्टॉक बनाने के साथ ही चीनी पर आयात शुल्क में बढ़ोतरी की जाये। उन्होंने बताया कि चीनी पर आयात शुल्क को 25 फीसदी से बढ़कर 40 फीसदी करने और बफर स्टॉक बनाने के लिए वित्त और वाणिज्य मंत्रालय के अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श किया जा रहा है। इसके लिए मंत्रालय ने प्रस्ताव तैयार कर लिया है जिसे संबंधित मंत्रालय को भेजा रहा है। उम्मीद है कि अगले सप्ताह तक इस पर फैसला हो जायेगा।
उन्होंने बताया कि पेट्रोलियम में एथनॉल मिश्रण की मात्रा बढ़ाने की मांग एक अच्छा सुझाव है तथा इस पर भी संबंधित मंत्रालयों से विचार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा रॉ-शुगर के निर्यात पर चीनी मिलों को 4,000 रुपये प्रति टन की दर से इनसेंटिव दिया ही जा रहा है। हालांकि विश्व बाजार में दाम कम होने से रॉ-शुगर का निर्यात सीमित मात्रा में ही हो पा रहा है।
उद्योग के अनुसार चालू पेराई सीजन 2014-15 में किसानों का चीनी मिलों पर 19,300 करोड़ रुपये का बकाया हो चुका है तथा सीजन अब समाप्ति की ओर है। चालू पेराई सीजन में 263.56 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है जोकि पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 32.06 लाख टन से ज्यादा है। चालू पेराई सीजन में 270 लाख टन चीनी उत्पादन होने का अनुमान है।
उत्तर प्रदेश में चीनी के एक्स फैक्ट्री भाव 2,550 से 2,650 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं जबकि दिल्ली में चीनी के भाव 2,750 से 2,850 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं। महाराष्ट्र में चीनी के भाव 2,275 से 2,350 रुपये और कर्नाटक में 2,250 से 2,300 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं।......आर एस राणा

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