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07 अप्रैल 2015

सरसों की कीमतों में आठ से दस फीसदी तेजी आने का अनुमान


आर एस राणा
नई दिल्ली। बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से रबी तिलहन की प्रमुख फसल सरसों को भारी नुकसान हुआ है। खराब मौसम के कारण उत्पादक मंडियों में सरसों की दैनिक आवक भी नहीं बढ़ रही है जिससे इसकी कीमतें तेज बनी हुई हैं। मंगलवार को राजस्थान की मंडियों में सरसों के भाव 3,600 रूपये प्रति क्विंटल और हरियाणा की मंडियों में 3,700 रूपये प्रति क्विंटल हो गए। आगामी दिनों में इसकी मौजूदा कीमतों में और भी आठ से दस फीसदी की तेजी आने का अनुमान है।
सरसों के थोक कारोबारी राधाकिशन गुप्ता ने बताया कि मार्च और अप्रैल महीने में हुई बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से सरसों की फसल को भारी नुकसान हुआ है। चालू रबी में पहले ही सरसों की बुवाई कम हुई थी उपर से मौसम की मार पड़ गई। उन्होंने बताया कि चालू महीने में ही सरसों के उत्पादक क्षेत्रों में तीन-चार बारिश हो चुकी है जबकि इस समय कटाई और थ्रेसिंग चल रही है। इसीलिए नुकसान की आशंका ज्यादा है। उन्होंने बताया कि मौसम अभी भी साफ नहीं हुआ है तथा आगे फिर खराब होने की आशंका है। ऐसे में सरसों की कीमतों में तेजी बनी रहने का अनुमान है।
जयपुर के सरसों कारोबारी सुमेर चंद जैन ने बताया कि रात को उत्पादक क्षेत्रों में फिर बारिश हुई है जिससे कटी हुई फसल को ज्यादा नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि मंगलवार को राजस्थान की मंडियों में 15 से 20 हजार बोरी सरसों की ही आवक हुई जबकि कंडीशन की सरसों के भाव 3,600 रूपये प्रति क्विंटल हो गए। उधर हरियाणा की मंडियों में भी सरसों की कम रही जिससे भाव बढ़कर 3,700 रूपये प्रति क्विंटल हो गए। मौसम साफ होने के बाद ही सरसों की आवक बढ़ेगी, जबकि नुकसान को देखते हुए इस समय तेल मिलों के साथ ही स्टॉकिस्टों की खरीद भी बढ़ गई है। ऐसे में आगामी दिनों में सरसों की मौजूदा कीमतों में 8 से 10 फीसदी की तेजी आने का अनुमान है।
कृषि मंत्रालय के दूसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार चालू रबी में सरसों की पैदावार घटकर 73.63 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 78.77 लाख टन की पैदावार हुई थी। जानकारों का मानना है कि चालू रबी में प्रतिकूल मौसम से फसल को भारी नुकसान हुआ है तथा चालू रबी में सरसों की पैदावार 65 लाख टन ही होने का अनुमान है।........आर एस राणा

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