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15 जून 2015

भारत से रूस को डेयरी उत्पादों का निर्यात रुका

रूस ने डेयरी उत्पादों के आयात के लिए कड़े मानदंड तय किए हैं, जिससे भारत उसे डेयरी उत्पादों का निर्यात नहीं कर पाएगा। दूध और इससे बने उत्पादों के आयात के लिए रूस ने यह शर्त रखी है कि दूध उत्पादों का निर्यात करने के इच्छुक भारतीय संयंत्रों के पास कम से कम 1,000 दुधारू पशु होने चाहिए। इसका मतलब है कि दूध उत्पादों के कारोबारी और प्रसंस्करणकर्ता रूसी बाजार को बिक्री नहीं कर पाएंगे, जबकि इस साल की शुरुआत तक ऐसे उत्पादों के निर्यात को मंजूरी मिली हुई थी। भारत में ज्यादातर डेयरी उत्पादक कृषक सहकारिता मॉडल के तहत अपना परिचालन करते हैं। इसमें किसान पशु रखते हैं और सहकारी फैक्टरियां किसानों के फायदे के लिए केवल दूध का प्रसंस्करण करती हैं। इसलिए रूस की वर्तमान शर्तों पर सहकारी डेयरियां खरी नहीं उतर पाएंगी। हालांकि सहकारी डेयरियों ने रूस के नियमों में अनुकूल संशोधन कराने के लिए सरकार से संपर्क किया है।

अमूल ब्रांड के दूध और इससे बने उत्पादों की बिक्री करने वाली गुजरात सहकारी दूध विपणन संघ के प्रबंध निदेशक आर एस सोढी ने कहा, 'रूसी प्रशासन ने कड़ी शर्तें लगाई हैं, जिसकी वजह से इस समय रूस को निर्यात नहीं हो रहा है। इसके अलावा इच्छुक निर्यातकों के पास कम से कम 1,000 दुधारू पशु होने जरूरी हैं।' रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमिर पुतिन की भारत यात्रा और दोनों देशों के संबंधों में प्रगाढ़ता के बाद इस साल जनवरी में रूस ने भारतीय डेयरी निर्यातकों के लिए अपना बाजार खोला था। पुतिन ने भारत और रूस के बीच कारोबारी संबंधों में मजबूती की घोषणा की थी। इसके बाद अमूल ने करीब आधा दर्जन रूसी आयातकों के साथ बातचीत शुरू की। ऐसे अन्य निर्यातकों ने भी रूसी बाजार को निर्यात में रुचि दिखाई थी। भारत में दूध का सबसे ज्यादा उत्पादन होता है और चीज, बटर और दूध पाउडर का बड़ी मात्रा में निर्यात होता है। डायनामिक्स ब्रांड के तहत डेयरी उत्पादों की बिक्री करने वाली डायनामिक्स डेयरीज के एक अधिकारी ने कहा, 'जहां तक मुझे पता है, रूस को डेयरी उत्पादों का निर्यात नहीं हो रहा है।' इससे पहले कहा गया था कि इस कंपनी को रूस में कृषि उत्पादों पर नजर रखने वाली एजेंसी रोस्सेलखोजनाडजोर से रूस को डेयरी उत्पादों की मंजूरी मिल गई है। (BS Hindi)

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