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13 जून 2015

फीकी पड़ेगी सोने की चमक!

मॉनसूनी फुहारों के बाद अब आभूषण कारोबार की चमक फीकी पड़ गई है। इस साल शादी-विवाह का मौसम अब समाप्त हो चुका है और अगले डेढ़ साल तक अच्छा मुहूर्त न होने के कारण हिंदुओं के शुभ कार्य लगभग न के बराबर होंगे। इसका सबसे ज्यादा असर आभूषण विक्रेताओं के ऊपर पडऩे वाला है। आभूषण कारोबारियों को अगले एक साल तक कारोबार मंदा रहने की चिंता सताने लगी है। इस वजह से अगले एक साल तक सोने की मांग कमजोर रह सकती है, जिससे इसकी चमक फीकी पड़ेगी।

वैश्विक बाजारों में सोने की कीमतों मेंं जारी उठापटक का प्रभाव घरेलू बाजार में भी दिखने लगा है। डॉलर मजबूत होने के कारण वैश्विक बाजार में सोने का भाव फिलहाल 1181 डॉलर प्रति औंस चल रहा है। अमेरिकी अर्थव्यवस्था के अच्छे आंकड़ों के कारण निवेशक डॉलर में पैसा लगा रहे हैं जिससे लगातार तीन महीने से सोने पर दबाव बना हुआ है। वैश्विक स्तर पर गिरावट से घरेलू बाजार में भी सोना 27000 रुपये प्रति 10 ग्राम के नीचे कारोबार कर रहा है। सर्राफा कारोबारी और वायदा बाजार के लोगों का कहना है कि  सोने की कीमतें औसतन 26,000 रुपये प्रति 10 ग्राम से नीचे ही रहने वाली हैं।  हरेक साल जून से आभूषण कारोबारियों का कारोबार मंदा पड़ जाता है। इसके बाद सितंबर से पुन: इसमें सुधार होता है, लेकिन बाजार और ज्योतिष की समझ रखने वालों का कहना है कि इस साल दीर्घ अवधि तक शादी-विवाह का समय नहीं होने से मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

आचार्य प्रदीप द्विवेदी कहते हैं कि दरअसल गुरु के सिंह राशि में जाते ही सारे अच्छे काम वर्जित हो जाते हैं। ऐसा हर 12वें साल में होता है। शादी-विवाह के शुभ मूहूर्त आज से खत्म हो गए और अब अगला मुहूर्त 16 नवंबर 2016 के बाद ही बनेगा, जब सूर्य वृश्चिक राशि में प्रवेश करेगा। हालांकि साल के बीच में कुछ योग भी हैं, जिनमें शादियां हो सकती हैं। मुंबई ज्वैलर्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष कुमार जैन कहते हैं कि मुहूर्त खत्म होने का असर कारोबार पर हर साल पड़ता है। बरसात में सोने-चांदी का कारोबार ठंडा रहता है और फिर धीरे-धीरे बढ़ता है।'

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