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08 जून 2015

बासमती धान की बुवाई में कमी आने की आषंका


बासमती चावल और धान की कीमतों में गिरावट से स्टॉकिस्टों को नुकसान
आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू सीजन बासमती चावल और धान की कीमतों में लगातार गिरावट बनी हुई है। उत्पादक राज्यों की मंडियों में पिछले पंद्रह दिनों में बासमती चावल की कीमतों में करीब 600 से 700 रुपये और धान की कीमतों में 150 से 200 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आ चुकी है।
चावल के थोक कारोबारी महेंद्र जैन ने बताया कि बासमती चावल में चालू सीजन में घरेलू और निर्यात मांग कमजोर रही है जबकि इसकी पैदावार ज्यादा हुई थी। यही कारण है कि कीमतों में भारी गिरावट बनी हुई है। उन्होंने बताया कि बासमती धान के स्टॉकिस्टों को भारी घाटा उठाना पड़ा है। उत्पादक मंडियों में पूसा-1121 बासमती धान का भाव ध्ज्ञटकर 2,200 से 2,300 रुपये प्रति क्विंटल रह गया जबकि नई फसल के समय इसका भाव 3,100 से 3,200 रुपये प्रति क्विंटल था। इसी तरह से पूसा-1509 बासमती धान का भाव घटकर 1,700 से 1,900 रुपये प्रति क्विंटल रह गया जबकि नई सीजन के षुरु में इसका भाव 2,600 से 2,800 रुपये प्रति क्विंटल था।
चावल व्यापारी अमित गुप्ता ने बताया कि उत्पादक मंडियों में पूसा-1121 बासमती चावल सेला का भाव घटकर 3,900 से 4,000 रुपये और पूसा-1,509 बासमती चावल के सेला का भाव घटकर 3,200 से 3,300 रुपये प्रति क्विंटल रह गया। पूसा-1121 के कच्चा चावल का भाव घटकर 4,400 से 4,500 रुपये और पूसा-1509 के कच्चा चावल का भाव घटकर 3,600 से 3,700 रुपये प्रति क्विंटल रह गया।
 धान व्यापारी राजेंद्र गोयल ने बताया कि चालू सीजन में बासमती चावल और धान की कीमतों में आई भारी गिरावट का असर बासमती धान की बुवाई पर पडे़गा। किसान बासमती के बजाए परमल धान की बुवाई ज्यादा करेंगे। परमल धान की खरीद भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) और राज्य सरकार की खरीद एजेंसियों न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर करती हैं।........आर एस राणा

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