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15 जुलाई 2015

चना की कीमतों में 8 से 10 फीसदी की तेजी आने की संभावना


आस्ट्रेलिया से आयातित चना के भाव बने हुए हैं तेज
आर एस राणा
नई दिल्ली। उत्पादक मंडियों में चना का स्टॉक कम है जबकि आयातित चना की कीमतें उंची बनी हुई है। त्यौहारी सीजन षुरु हो रहा हैं ऐसे में आगामी दिनों मंें चना की कीमतों में 8 से 10 फीसदी की तेजी आने की संभावना है। बुधवार को दिल्ली की लारेंस रोड़ मंडी में चना के भाव 4,500 से 4,500 रुपये प्रति क्विंटल रहे तथा दैनिक आवक 35 ट्रक की हुई।
चना कारोबारी दुर्गा प्रसाद ने बताया कि मिलों के पास चना का स्टॉक कम है जबकि स्टॉकिस्ट नीचे भाव में बिकवाल नहीं है। त्यौहारी सीजन को देखते हुए बेसन के साथ दालों में मांग बढ़ रही है जिससे चना की कीमतों में तेजी बनी हुई है। हालांकि राजस्थान में राज्य सरकार ने दलहन पर स्टॉक लिमिट लगा रखी है लेकिन इसके बावजूद भी चना की कीमतों में तेजी ही आई है। उन्होंने बताया कि चालू फसल सीजन में चना का उत्पादन सरकारी अनुमान से काफी कम हुआ है जिसकी वजह से कुल उपलब्धता मांग के मुकाबले कम है।
चना के थोक व्यापारी संतोष उपाध्याय ने बताया कि आस्ट्रेलिया से आयातित चना के भाव मुंबई पहुंच 4,550 से 4,600 रुपये प्रति क्विंटल हो गए हैं तथा सप्ताहभर में इनकी कीमतों में करीब 150 से 200 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आ चुकी है। उन्होंने बताया कि चना का आयात सीतिम मात्रा में ही हो सकता है तथा आयात पड़ता महंगा होने से घरेलू बाजार में चने की कीमतों में आगामी दिनों में तेजी की संभावना है। वित्त वर्ष 2014-15 में देष में 4.18 लाख टन चना का आयात हुआ था।
चना व्यापारी राधाकिषन गुप्ता ने बताया कि इंदौर मंडी में चना के भाव 4,200 रुपये तथा कांटेवाला चना के भाव 4,450 रुपये प्रति क्विंटल रहे। महाराष्ट्र की अकोला मंडी में चना के भाव 4,450 से 4,520 रुपये तथा राजस्थान की जयपुर मंडी में 4,500 रुपये प्रति क्विंटल रहे।
कृषि मंत्रालय के तीसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल वर्ष 2014-15 में चना की पैदावार घटकर 75.9 लाख टन होने का अनुमान है। पिछले साल इसकी रिकार्ड पैदावार 95.3 लाख टन की हुई थी। जानकारों के अनुसार बेमौसम बारिष और ओलावृष्टि से चना की फसल को काफी नुकसान हुआ था इसलिए उत्पादन सरकारी अनुमान से कम रहने की संभावना है।......आर एस राणा

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