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14 जुलाई 2015

उत्पादक राज्यों में बारिष की कमी से हल्दी में तेजी की संभावना


निर्यातकों के साथ घरेलू मसाला कंपनियों की आगामी दिनों में बढ़ेगी मांग
आर एस राणा
नई दिल्ली। जून महीने में हल्दी के प्रमुख उत्पादक राज्यों में हुई अच्छी बारिष से बुवाई तो पिछले साल की तुलना में बढ़ी है लेकिन पिछले पंद्रह-बीस दिनों से बारिष नहीं होने के कारण स्टॉकिस्टों की खरीद हल्दी में बढ़ गई है। इसीलिए सप्ताहभर में उत्पादक मंडियो में हल्दी की कीमतों में 300 से 400 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आ चुकी है। रमजान का महीना समाप्त होने के बाद खाड़ी देषों की आयात मांग तो बढ़ेगी ही, साथ में घरेलू मसाला कंपनियों की मांग भी तेजी आयेगी।
हल्दी कारोबारी पूनम चंद गुप्ता ने बताया कि हल्दी में घरेलू मसाला कंपनियों की मांग बढ़ी हुई है जिससे कीमतों में तेजी देखी जा रही है। निजामाबाद मंडी में मंगलवार को हल्दी के भाव बढ़कर 7,500 रुपये प्रति क्विंटल हो गए जबकि इरोड़ मंडी में भाव बढ़कर 7,800 से 7,900 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। इरोड़ में हल्दी की दैनिक आवक 4,000 बोरी (एक बोरी-70 किलो) की हो रही है जबकि दैनिक सौदे 4,500 से 5,000 बोरियों के हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि रमजान के बाद खाड़ी देषों की आयात मांग बढ़ने की संभावना है, जिससे भाव में तेजी बनी रह सकती है।
हल्दी व्यापारी एस सी गुप्ता ने बताया कि जून महीने में हल्दी के उत्पादक राज्यों में अच्छी बारिष हुई थी जिसकी वजह से हल्दी की बुवाई पिछले साल की तुलना में ज्यादा हुई है लेकिन उत्पादक राज्यों में पिछले पंद्रह-बीस दिनों से बारिष नहीं हुई है जबकि इस समय फसल को एक पानी की सख्त जरुरत है। ऐसे में हल्दी की कीमतों में तेजी-मंदी काफी हद तक बारिष पर निर्भर करेगी। अगर सप्ताहभर में उत्पादक क्षे़त्रों में अच्छी बारिष नहीं हुई तो फिर कीमतों में 400 से 500 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी और भी आ सकती है, हॉ अगर इस दौरान एक-दो अच्छी बारिष हो गई तो फिर कीमतों में गिरावट भी आ सकती है। उन्होंने बताया कि हल्दी की उपलब्धता है तथा आगामी दिनों में निर्यात मांग जरुर बढ़ेगी जिससे अच्छी गुणवत्ता की हल्दी में मांग अच्छी रहेगी।
भारतीय मसाला बोर्ड के अनुसार वित वर्ष 2014-15 के दौरान हल्दी का निर्यात बढ़कर 86,000 टन का हुआ है जबकि वित वर्ष 2013-14 में इसका निर्यात 77,500 टन का हुआ था। मसाला बोर्ड ने वित वर्ष 2014-15 में हल्दी के निर्यात का लक्ष्य 80,000 टन का रखा था। अंतरराष्ट्रीय बाजार में हल्दी का भाव 3.53 डॉलर प्रति किलो है जबकि पिछले साल की समान अवधि में भी विष्व बाजार यही भाव थे।.......आर एस राणा

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