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16 जुलाई 2015

मिलों की मांग बढ़ने से सीसीआई ने बढ़ाई कपास की बिक्री


आर एस राणा
नई दिल्ली। मिलों की अच्छी मांग को देखते हुए काटन कार्पोरेषन आफ इंडिया (सीसीआई) ने कपास की बिक्री बढ़ा दी है। सीसीआई चालू सीजन में ई-निलामी के माध्यम से अभी तक 34 लाख गांठ (एक गांठ-170 किलो) कपास की बिक्री कर चुकी है।
सीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मिलों की अच्छी मांग को देखते हुए हमने कपास की बिक्री बढ़ा दी है। घरेलू बाजार में कपास की कीमतों में आई तेजी के कारण हम भी ई-निलामी के माध्यम से भाव बढ़ाकर बिकवाली कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि 14 जुलाई को हमनें 88,000 गांठ कपास बेची थी जबकि 15 जुलाई को 93,600 गांठ कपास की बिक्री 32,000 से 35,400 रुपये प्रति कैंडी (एक कैंडी-356 किलो) की दर से की। निगम ने गुरूवार को एक लाख गांठ कपास की बिक्री के लिए ई-निलामी मांगी हैं।
उन्होंने बताया कि अभी तक हम 34 लाख गांठ कपास की बिक्री कर चुके हैं तथा निर्यात के मुकाबले घरेलू मार्किट में कपास बेचने पर निगम का ज्यादा जोर है। चालू सीजन में सीसीआई ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर देषभर की मंडियों से 87 लाख गांठ कपास की खरीद की थी। उन्होंने बताया कि विष्व बाजार में कपास का भाव 72.5 सेंट प्रति पाउंड चल रहे है तथा चालू कपास सीजन में अभी तक देष से करीब 50 लाख गांठ कपास के निर्यात सौदे हो चुके हैं।
काटन एडवाईजरी बोर्ड (सीएबी) के अनुसार फसल सीजन 2014-15 में देष में 390 लाख गांठ कपास की पैदावार होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 398 लाख गांठ की पैदावार हुई थी। कृषि मंत्रालय के तीसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2014-15 में कपास की पैदावार 353.28 लाख गांठ होने का अनुमान है जबकि पिछले साल इसकी पैदावार 359.02 लाख गांठ की हुई थी।
मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में कपास की बुवाई बढ़कर 87.83 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 45.10 लाख हैक्टेयर में हुई थी। जानकारों के अनुसार जून महीने में उत्पादक राज्यों में हुई अच्छी बारिष से कपास की बुवाई तो बढ़ी है लेकिन जुलाई महीने में महाराष्ट्र, गुजरात और आंध्रप्रदेष में कम बारिष होने से फसल को नुकसान होने की आषंका बन गई है।.......
आर एस राणा

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