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09 जुलाई 2015

चालू महीने में बारिष नहीं होने से सोयाबीन की फसल को नुकसान की आषंका


जून महीन में हुई अच्छी बारिष से 90 फीसदी क्षेत्रफल में हो चुकी है बुवाई
आर एस राणा
नई दिल्ली। सोयाबीन के प्रमुख उत्पादक राज्यों मध्य प्रदेष, महाराष्ट्र और गुजरात में जून महीने में हुई अच्छी बारिष से 90 फीसदी क्षेत्रफल में बुवाई पूरी हो चुकी है लेकिन पिछले आठ-दस दिनों से उत्पादक राज्यों में बारिष नहीं होने से फसल को नुकसान होने की आषंका बनी हुई है। हालांकि मध्य प्रदेष के ग्वालियर जिले में गुरुवार को बारिष हुई लेकिन अन्य जिलों में अभी भी बारिष नहीं हुई है।
सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएषन आफ इंडिया (सोपा) के अध्यक्ष डेविष जैन ने बताया कि प्रमुख उत्पादक राज्यों में जून महीने में अच्छी बारिष हुई थी जिससे सोयाबीन की बुवाई करीब 90 फीसदी क्षेत्रफल में पूरी हो चुकी है। चालू महीने में अभी तक उत्पादक राज्यों में बारिष नहीं हुई है तथा आगामी पांच-सात दिनों में बारिष नहीं हुई तो फिर फसल को नुकसान होने की आषंका है। चालू महीने के मध्य पखवाड़े तक बारिष नहीं हुई तो फिर पांच से सात फीसदी क्षेत्रफल में सोयाबीन की बुवाई दोबारा करनी पड़ सकती है। उन्होंने बताया कि चालू महीने में अगर अच्छी बारिष हुई तो फिर सोयाबीन की बुवाई पिछले साल के 110 लाख हैक्टेयर से बढ़कर 118 लाख हैक्टेयर में होने का अनुमान है।
सोयाबीन के व्यापारी राजेष अग्रवाल ने बताया कि विष्व बाजार में दाम कम होने के कारण भारत से सोया खली की मांग काफी कमजोर बनी हुई है। विष्व बाजार में ब्राजील, अर्जेटीना और अमेरिका की सोया खली की उपलब्धता ज्यादा है जिससे विष्व बाजार में दाम नीचे बने हुए हैं। उन्होंने बताया कि घरेलू बाजार में सोया खली के भाव 30,500 से 31,000 रुपये प्रति टन चल रहे हैं। उत्पादक मंडियों में सोयाबीन के भाव 3,250 रुपये तथा प्लांट डिलीवरी भाव 3,350 से 3,400 रुपये प्रति क्विंटल हैं। सोया रिफाइंड तेल का भाव इंदौर में 590 रुपये प्रति 10 किलो है।
साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएषन ऑफ इंडिया (एसईए) के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2015-16 के पहले तीन महीनों अप्रैल से जून के दौरान देष से केवल 34,161 टन सोया खली का ही निर्यात हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 1,00,746 टन सोया खली का निर्यात हुआ था। भारतीय बंदरगाह पर सोया खली के भाव जून में घटकर 553 डॉलर प्रति टन रह गए, जबकि मई महीने में इसके भाव 592 डॉलर प्रति टन थे।
कृषि मंत्रालय के तीसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2014-15 में देष में सोयाबीन की पैदावार घटकर 107.05 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल इसकी पैदावार 118.61 लाख टन की हुई थी।....आर एस राणा

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