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22 अक्तूबर 2015

कारोबारियों का दावा, तीन दिन में सस्ती होगी दाल

महंगी दाल को लेकर मचे हाहाकार को शांत करने की सरकारी कोशिशों से दलहन कारोबारियों की नींद हराम हो गई। आयातित दाल की स्टॉक सीमा तय करने की सरकारी पहल को जल्दबाजी भरा कदम बताते हुए कारोबारी दावा कर रहे हैं कि आने वाले तीन दिनों में कीमतें कम हो जाएंगी। बाजार में दालों की कमी दूर करने के लिए इंडियन पल्सेस ऐंड ग्रेंस एसोसिएशन सरकार को हर दिन एक टन अरहर दाल और एक टन मैसूर दाल सस्ते भाव पर उपलब्ध कराएगी।

महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार को राज्य के 16 जिलों में मारे गए 276 छापों में 23,340 टन दाल जब्त की गई। ठाणे और  पनवेल में सबसे अधिक माल जब्त किया गया। मंत्रालय अधिकारियों का कहना है कि मुंबई सहित राज्य के दूसरे हिस्सों में छापे की कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी। जमाखोरों  तथा कालाबजारी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई से से दाल की उपलब्धता सुधरेगी और कीमतें गिरना शुरू हो जाएंगी। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के अधिकारियों का दावा है कि छापेमारी और सख्त संदेश की वजह से मुंबई में अरहर और उड़द दाल के भाव आज तीन रुपये प्रति किलो तक नीचे आ गए। हालांकि सरकार की इस कार्रवाई पर दलहन कारोबारियों ने नाराजगी जताई है और इसको जल्दबाजी में उठाया गया कदम बताते हुए स्टॉक सीमा हटाने की मांग की है।

दलहन कारोबारियों का कहना है कि आयातित दाल देश में पहुंच चुकी है और अगले 15 दिन के अंदर देशभर में दाल पहुंच जाएगी जिससे कीमतें कम होगी। इंडियन पल्सेस ऐंड  ग्रेंस एसोसिएशन (आईपीजीए) के चेयरमैन प्रवीण डोंगरे के मुताबिक अगले तीन चार दिनों में दाल के दाम कम होना शुरू हो जाएंगे। डोंगरे के मुताबिक भारतीय आयातकों ने 15 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक देश में 25 लाख टन दाल आयात के सौदे किए हैं जिनमें से ढाई लाख टन दाल चार दिन पहले ही मुंबई बंदरगाह (जेएनपी) पहुंच चुकी है। स्टॉक सीमा और कारोबारियों पर की जा रही छापेमारी पर नाराजगी व्यक्त करते हुए आईपीजीए सदस्यों का कहना है कि सरकार को आयातित दालों पर स्टॉक सीमा हटा लेनी चाहिए क्योंकि आयातित दालों पर स्टॉक सीमा की वजह से आयात प्रभावित होगा जिससे देश में दालों की आपूर्ति में और कमी आने की आशंका बढ़ेगी। (bS Hindi)

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