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17 अक्तूबर 2015

सप्ताहांत में कमजोर मांग से घटी जीरा की कीमतें


आर एस राणा
नई दिल्ली। सप्ताह के षुरु में जहां जीरा की कीमतों में तेजी आई थी वहीं उंचे भाव में मसाला निर्माताओं की मांग कम होने से सप्ताह के आखिर में जीरा की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई। सप्ताह के अंत में इसकी कीमतों में 500 से 700 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई।
गुजरात की जूनागढ़ मंडी में जीरा के भाव 13,300 से 14,450 रुपये प्रति क्विंटल रहे तथा मंडी में दैनिक आवक 7 टन की हुई। राज्य की राजकोट मंडी में जीरा के भाव 13,610 से 15,250 रुपये प्रति क्विंटल रहे तथा मंडी में दैनिक आवक 27 टन की हुई। राज्य की उंझा मंडी में जीरा के भाव 12,250 से 17,005 रुपये प्रति क्विंटल रहे। राज्य की हाल्वेद मंडी में जीरा के भाव 13,750 से 14,925 रुपये प्रति क्विंटल रहे तथा मंडी में दैनिक आवक 2.24 टन की हुई।
त्यौहारी सीजन को देखते हुए जीरा में घरेलू मांग आगामी दिनों में बढ़ेगी, ऐसे में अच्छी गुणवत्ता के जीरा की बराबर बनी रहेगी, इसलिए आगामी दिनों में भाव में फिर सुधार आने का अनुमान है। वैसे जीरा की बुवाई का सीजन षुरु हो चुका है इसलिए आगामी दिनों में इसकी कीमतें उत्पादक राज्यों में होने वाली जीरा की बुवाई की स्थिति पर भी निर्भर करेगी। सितंबर के आखिर में गुजरात में हुई बारिष जीरा की बुवाई के लिए अच्छी मानी जा रही है।
चालू सीजन में जीरा की पैदावार पिछले साल की तुलना में कम होने का अनुमान है जबकि बेमौसम बारिष और ओलावृष्टि से जीरे की फसल की क्वालिटी भी प्रभावित हुई थी जिसकी वजह से अच्छी गुणवत्ता के जीरा का स्टॉक कम है।
भारतीय मसाला बोर्ड के अनुसार चालू वित वर्ष 2015-16 के पहले तीन महीनों अप्रैल से जून के दौरान देष से जीरा का निर्यात घटकर 27,000 टन का ही हुआ है जबकि वित वर्ष 2014-15 की समान अवधि में इसका निर्यात 49,000 टन का हुआ था। हालांकि वित वर्ष 2014-15 में जीरा के निर्यात में वित्त वर्ष 2013-14 के मुकाबले 11 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई थी। उम्मीद है आगामी महीनों में निर्यात में बढ़ोतरी होगी।
विष्व बाजार में भारतीय जीरे का भाव घटकर 3.31 डॉलर प्रति किलो रह गया जबकि विष्व बाजार में महीनाभर पहले इसके भाव 3.42 डॉलर प्रति किलो थे।
टर्की और सीरिया में राजनीतिक गतिरोध होने के कारण इन देषों से जीरा के निर्यात में कमी आने की आषंका है। खाड़ी देषें के आयातक टर्की और सीरिया के मुकाबले भारत से आयात को प्राथमिकता देंगे। इन देषों के मुकाबले भारतीय जीरे की क्वालिटी भी उच्च गुणवत्ता की है।........आर एस राणा

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