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15 अक्तूबर 2015

सरकारी एजेंसियों के साथ मिलों की मांग से धान की कीमतों में सुधार


आर एस राणा
नई दिल्ली।  खरीफ धान की दैनिक आवक उत्पादक राज्यों की मंडियों में बढ़नी षुरु हो गई है। भारतीय खाद्य निगम यानि कि एफसीआई के साथ ही चावल मिलरों की खरीद आने से धान की कीमतों में पिछले आठ-दस दिनों में करीब 25 से 50 रुपये प्रति क्विंटल का सुधार देखा गया। उत्पादक मंडियों में इस समय पूसा-1,509 बासमती धान के साथ ही पूसा-1,121 बासमती धान और सुगंध धान की आवक बढ़ने लगी है तथा आगामी दिनों में परमल और डीपी बासमती और ट्रेडिषनल बासमती धान की आवक भी बढ़ेगी।
चालू खरीफ में चावल की पैदावार तो ज्यादा होने का अनुमान है लेकिन उत्पादक मंडियों में धान की कीमतों पिछले साल की तुलना में काफी कम है, साथ ही बासमती के साथ ही गैर-बासमती चावल के निर्यात में पिछले साल की तुलना में बढ़ोतरी होने का अनुमान है। इसलिए आगामी दिनों में धान की कीमतों में सुधार आने का अनुमान है।
एपीडा के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2015-16 के पहले पांच महीनों अप्रैल से अगस्त में देष से बासमती और गैर-बासमती चावल के निर्यात में बढ़ोतरी हुई। अप्रैल-अगस्त में देष से 16.78 लाख टन बासमती और 29.04 लाख टन गैर-बासमती चावल का निर्यात हुआ है। वित्त वर्ष 2014-15 के पहले पांच महीनों अप्रैल-अगस्त के दौरान देष से 14.35 लाख टन बासमती और 27.59 लाख टन गैर-बासमती चावल का निर्यात हुआ था। चालू वित्त वर्ष में देष से बासमती और गैर बासमती चावल के कुल निर्यात में वित्त वर्ष 2014-15 के मुकाबले 8 से 10 फीसदी की बढ़ोतरी होने का अनुमान है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2015-16 के पहले पांच महीनों अप्रैल से अगस्त के दौरान मूल्य के हिसाब से बासमती चावल के निर्यात में 18.40 फीसदी की कमी आई है। इस दौरान 9,939.64 करोड़ रुपये मूल्य का बासमती चावल का निर्यात हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 12,180.37 करोड़ रुपये का बासमती चावल का निर्यात हुआ था। देष से गैर-बासमती चावल के निर्यात में इस दौरान 1.83 फीसदी की कमी आकर कुल 6,755.43 करोड़ रुपये मूल्य का ही निर्यात हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 6,881.30 करोड़ रुपये मूल्य का गैर-बासमती चावल का निर्यात हुआ था। मूल्य के हिसाब से गैर-बासमती और बासमती चावल के निर्यात में आई कमी की प्रमुख वजह घरेलू मंडियों मंे चावल की कीमतें पिछले साल की तुलना में कम होना है।
केंद्र सरकार ने खरीफ विपणन सीजन 2015-16 के लिए कॉमन ग्रेड धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य यानि एमएसपी 1,410 रुपये और ग्रेड ए धान का एमएसपी 1,450 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है। भारतीय खाद्य निगम यानि एफसीआई ने चालू खरीफ विपणन सीजन 2015-16 में अभी तक 18.57 लाख टन चावल की एमएसपी पर खरीद की है। अभी तक खरीद गए चावल में हरियाणा की हिस्सेदारी 8.56 लाख टन और पंजाब की 9.80 लाख टन है। केंद्र सरकार ने चालू खरीफ विपणन सीजन 2015-16 में 300 लाख टन चावल की खरीद का लक्ष्य तय किया है तथा केंद्रीय पूल में पहली सितंबर को 138.92 लाख टन चावल का स्टॉक मौजूद था जोकि तय मानकों से ज्यादा है।
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ 2015-16 में धान की बुवाई बढ़कर 374.09 लाख हैक्टेयर में हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 373.86 लाख हैक्टेयर में बुवाई हुई थी। मंत्रालय के पहले आरंभिक अनुमान के अनुसार चालू खरीफ सीजन 2015-16 में 906.1 लाख टन चावल की पैदावार होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 880.2 लाख टन का उत्पादन हुआ था।
हरियाणा की अंबाला सिटी मंडी में धान का भाव 1,450 से 1,451 रुपये प्रति क्विंटल रहा तथा दैनिक आवक 2,752 टन की हुई। राज्य की सफीदों मंडी में धान का भाव 1,421 से 1,915 रुपये प्रति क्विंटल रहा तथा दैनिक आवक 558 टन की हुई। पंजाब की बरवाला मंडी में धान का भाव 1,450 रुपये प्रति क्विंटल रहा तथा दैनिक आवक 3,338 टन की हुई। राज्य की मुक्सतसर मंडी में धान के भाव 1,450 से 1,455 रुपये प्रति क्विंटल रहे तथा दैनिक आवक 5,189 टन की हुई।............आर एस राणा

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