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05 नवंबर 2015

विष्व बाजार में दाम बढ़ने से चीनी निर्यात में बढ़ोतरी संभव


दीपावली पर महाराष्ट्र में गन्ने की पेराई होगी आरंभ, नवंबर अंत तक उत्तर प्रदेष में
आर एस राणा
नई दिल्ली। विष्व बाजार में चीनी की कीमतों में आई तेजी से भारत से निर्यात पड़ते लगने षुरु हो गए है इससे नए पेराई सीजन में चीनी का निर्यात बढ़ने की संभावना है जिसका फायदा मिलों के साथ ही किसानों को भी होगा। महाराष्ट्र में चीनी मिलों में दीपावली पर पेराई आरंभी हो जायेगी जबकि उत्तर प्रदेष में मिलों में पेराई नवंबर के अंत तक षुरु होने की संभावना है।
चीनी उद्योग से जुड़े सूत्रों के अनुसार विष्व बाजार में रॉ-षुगर के भाव अगस्त से अभी तक 45 फीसदी से ज्यादा बढ़ चुके हैं तथा विष्व बाजार में भाव 15.49 सेंट प्रति पाउंड हो गए है। इस दौरान व्हाईट चीनी के भाव बढ़कर 418.50 डॉलर प्रति टन हो गए हैं। विष्व बाजार में चीनी की कीमतों में आई तेजी से नए सीजन में चीनी का निर्यात बढ़ने का अनुमान है। हालांकि चालू सीजन में चीनी का कुल उत्पादन पिछले साल की तुलना में कम होने की आषंका है लेकिन बकाया स्टॉक ज्यादा होने से कुल उपलब्धता मांग की तुलना में करीब 70 से 80 लाख टन ज्यादा ही है।
इंडियन षुगर मिल्स एसोसिएषन के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार दीपावली पर महाराष्ट्र में चीनी मिलों में गन्ने की पेराई आरंभ हो जायेगी जबकि उत्तर प्रदेष की मिलों चालू महीने के आखिर तक चालू होंगी। उन्होंने बताया कि पिछले साल 280 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था तथा नए सीजन में चीनी का उत्पादन 270 लाख टन ही होने का अनुमान है। हालांकि गन्ने की बुवाई का क्षेत्रफल पिछले साल की तुलना में बढ़ा है लेकिन गन्ना प्रमुख उत्पादक राज्यों में अगस्त-सितंबर में सामान्य से कम हुई बारिष का असर फसल की पैदावार पर पड़ा है।
त्यौहारी सीजन के कारण बड़ी खपत कंपनियों की मांग चीनी में बढ़ी हुई है जिससे भाव में सुधार आया है। दिल्ली में चीनी के भाव 2,850 से 2,900 रुपये प्रति क्विंटल है जबकि उत्तर प्रदेष में चीनी के एक्स फैक्ट्री भाव 2,650 से 2,700 रुपये प्रति क्विंटल है।
पिछले पेराई सीजन का पूरा भुगतान अभी तक चीनी मिलों ने नहीं किया है। हालांकि किसानों के बकाया भुगतान को लेकर संजीदा केंद्र सरकार ने चीनी उद्योग को राहत देने के लिए कई कदम उठाए थे। चीनी मिलों को केंद्र सरकार ने एक साल के लिए 6,000 करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त ऋण देने का फैसला किया था। इससे पहले भी केंद्र सरकार ने चीनी मिलों को 14 लाख टन रॉ-षुगर के निर्यात पर 4,000 रुपये प्रति टन की दर से इनसेंटिव घोषित कर रखा था साथ ही चीनी के आयात को रोकने के लिए आयात शुुल्क को भी 25 फीसदी से बढ़ाकर 40 फीसदी किया हुआ है। पिछले पेराई सीजन में करीब पांच लाख टन रॉ-षुगर का निर्यात हुआ है।
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में गन्ने की बुवाई 48.84 लाख हैक्टेयर में ही चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 48.74 लाख हैक्टेयर में गन्ने की बुवाई हुई थी।..........आर एस राणा

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