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01 दिसंबर 2015

स्वर्ण आयात शुल्क में कटौती की मांग


रत्न एवं आभूषण उद्योग में अच्छे दिनों को लेकर सुगबुगाहट बढ़ गई है। सोने पर आयात शुल्क 10 से घटकर दो फीसदी करने के उद्योग मंत्रालय के सुझाव को उद्योग आयात शुल्क की दरों में कटौती का संकेत मान रहा है। रत्न एवं आभूषण कारोबारियों का दावा है कि सरकार सोने का आयात शुल्क  दो फीसदी करती है तो मेक इन इंडिया में यह उद्योग अहम भूमिका निभा सकता है।
उद्योग का मानना है कि कारोबारियों का सरकार पर दबाव है और उद्योग मंत्रालय को भी सुझाव दिया जा रहा है। ऑल इंडिया जेम्स ऐंड ज्वैलरी ट्रेड फेडरेशन (जीजेएफ) के चेयरमैन जीवी श्रीधर कहते हैं कि हमने केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री से स्वर्ण आयात पर शुल्क घटा कर दो फीसदी करने का सुझाव दिया है, इससे निर्यात को भी प्रोत्साहन मिलेगा। कि सोने के आयात में लगातार गिरावट आ रही है। ऐसे में अगर वित्त मंत्रालय आयात शुल्क कम करने की बात मान लेता है तो इससे निर्यात को गति मिलेगी।
सोना कारोबारियों की सबसे बड़ी संस्था इंडियन बुलियन एवं ज्वैलर्स एसोसिएशन (आईबीजे) के अध्यक्ष मोहित कंबोज कहते हैं कि सरकार को रत्न एवं आभूषण क्षेत्र को कुछ रियायतें देनी होंगी। आयात शुल्क कम करने की मांग पर सरकार का सकारात्मक जवाब मिला है। उम्मीद है कि चालू सत्र में सरकार इस पर विचार करेगी और आगामी बजट में रत्न एवं आभूषण पर करों को कम किया जाएगा। आयात शुल्क घटने से मेक इन इंडिया में सबसे आगे रत्न एवं आभूषण उद्योग होगा। आईबीजेए केअनुसार कारोबारियों के साथ आम लोग भी सोने की सही कीमत जान सकें, इसके लिए आईबीजेए एम-पीएम नाम से वेबसाइट शुरू करेगा जिसमें वर्तमान कीमतों के साथ सोने के पिछले सभी रिकॉर्ड होंगे। वेबसाइट की शुरुआत कल एक दिसंबर से हो रही है।
रत्न एवं आभूषण क्षेत्र के मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत 25 मुख्य क्षेत्रों की पहचान की गई और इसके लिए देसी -विदेशी निवेश की जरूरत है। इस समय उद्योग को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में परेशानी का सामना करना पड रहा है। नाइन डायमंड के प्रबंध निदेशक संजय शाह कहते हैं कि सरकारी बयानों से ऐसा लगता है कि सरकार को अब अपनी गलती का एहसास हो गया है कि भारी शुल्क और पाबंदी से विकास नहीं होता। भारतीय रत्न एवं आभूषण क्षेत्र का आयात और निर्यात दोनों में भारी गिरावट आ रही है। जीजेईपीसी के ताजा आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-अक्टूबर के दौरान निर्यात 7.5 फीसदी घटकर 18.09 अरब डॉलर रह गया।

डॉलर चढऩे से सोने में आई गिरावट
सोमवार के कारोबार के दौरान सोने की कीमत में गिरावट दर्ज की गई और सोना छह वर्षों के निचले स्तर पर पहुंच गया। सोने की कीमत में आई गिरावट की प्रमुख वजह डॉलर में आई तेजी है जो फिलहाल कई महीनों के उच्च स्तर पर कारोबार कर रहा है। इस वर्ष अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी की संभावनाओं के बीच डॉलर में और भी मजबूती की उम्मीद है। हाजिर बाजार सोना 0.1 फीसदी लुढ़ककर 1,056.01 डॉलर प्रति औंस के स्तर पर पहुंच गया। नवंबर में सोने की कीमत में करीब 7.5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। जून, 2013 के बाद एक महीने के दौरान एक महीने में सबसे बड़ी गिरावट है। इसकी वजह अमेरिका में ब्याज दरों में होने वाली वृद्घि की संभावना है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व 15-16 दिसंबर को नीतिगत समीक्षा करेगा। (BS Hindi)

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