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18 दिसंबर 2015

सरसों की पैदावार पिछले साल की तुलना में कम रहने की आषंका


आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू रबी में सरसों की बुवाई में तो कमी आई है, साथ ही उत्पादक राज्यों में सर्दियों की बारिष नहीं होने प्रति हैक्टेयर उत्पादकता में भी कमी आने का अनुमान है। ऐसे में सरसों की पैदावार 2015-16 में पिछले साल से भी कम रहने की आषंका है। फसल सीजन 2014-15 में देष में सरसों की पैदावार घटकर 63.09 लाख टन की हुई थी।
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू रबी में सरसों की बुवाई अभी तक 59.37 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 63.67 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी।
कृषि मंत्रालय ने फसल सीजन 2015-16 में सरसों की पैदावार का लक्ष्य 81.09 लाख टन का तय किया था लेकिन अक्टूबर-सितंबर में मानसूनी बारिष की कमी के कारण उत्पादक राज्यों में सरसों की बुवाई में कमी आई है। साथ ही उत्पादक राज्यों में अभी तक सर्दियों की बारिष भी नहीं हुई है जिसका असर चालू रबी में इसकी प्रति हैक्टेयर उत्पादकता पर पड़ेगा।
उत्पादक मंडियों में सरसों की उपलब्धता कम है लेकिन आयातित तेलों के भाव कम होने के कारण सरसों की कीमतों में गिरावट आई है। प्रमुख उत्पादक राज्य राजस्थान की जयपुर मंडी में सरसों के भाव घटकर 4,955 रुपये, अलवर मंडी में 4,900 रुपये, उत्तर प्रदेष की आगरा मंडी में 5,400 रुपये तथा मध्य प्रदेष की मोरेना मंडी में 4,900 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।.......आर एस राणा

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