कुल पेज दृश्य

11 दिसंबर 2015

भारतीय कपास उद्योग को पड़ोसियों से मदद


भले ही कुछ महीनों पहले चीन ने भारतीय कपास निर्यातकों को निराश किया हो, लेकिन पाकिस्तान, बांग्लादेश और म्यांमार जैसे पड़ोसी देशों ने निश्चित रूप से उनके चेहरे पर फिर से मुस्कान ला दी है। सालाना आधार पर 30 नवंबर तक निर्यात अनुबंधों में 35 फीसदी इजाफा हुआ है। यह मुख्य रूप से पाकिस्तान से आयात ऑर्डर दोगुने होने की बदौलत ही संभव हो पाया है। चालू कपास वर्ष (अक्टूबर 2015 से सितंबर 2016) के दौरान पाकिस्तान, बांग्लादेश और म्यांमार भारतीय कपास के शीर्ष आयातकों के रूप में उभरे हैं।
चालू फसल वर्ष के पहले दो महीनों के दौरान 30 नवंबर तक भारत ने कपास के निर्यात अनुबंधों में करीब 35 फीसदी बढ़ोतरी दर्ज की है और इसमें पाकिस्तान से आयात ऑर्डर दोगुने होने का अहम योगदान रहा है। उद्योग के सूत्रों के मुताबिक अब तक कपास की 30 लाख गांठों (एक गांठ में 170 किलोग्राम) के निर्यात अनुबंध हुए हैं, जिसमें से 10 लाख गांठों के ऑर्डर अकेले पाकिस्तान से आए हैं। पिछले साल इस समय तक करीब 22 लाख गांठों के निर्यात अनुबंध हुए थे और इसमें पाकिस्तान का हिस्सा नगण्य था।
कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष धीरेन सेठ ने कहा, 'पाकिस्तान की बदौलत इस साल भारत के निर्यात अनुबंधों में इजाफा हुआ है। पाकिस्तान अब तक भारत से 10 लाख कपास की गांठों के आयात के लिए अनुबंध कर चुका है। ज्यादा आयात की वजह वहां बाढ़ आना है, जिसमें कपास की फसल को भारी नुकसान हुआ था।' पिछले साल पाकिस्तान में बाढ़ से फसलों को नुकसान पहुंचने के कारण इस पड़ोसी देश ने पूरे विपणन वर्ष 2014-15 में 5 लाख गांठों का आयात किया था।

कपास उद्योग को उम्मीद है कि चालू कपास सीजन में पाकिस्तान भारत से करीब 15 से 17 लाख गांठों का आयात कर सकता है। उद्योग के सूत्रों के मुताबिक गुणवत्ता, मात्रा और कीमत सहित सभी कारक पाकिस्तान के अनुकूल हैं। इस समय नए सीजन की अच्छी फसल बाजार में आ रही है और कपास की कीमत भी निचले स्तरों पर है। राजकोट की जयदीप कॉटन फाइबर प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अरविंद पान ने कहा, 'आमतौर पर पाकिस्तान वाघा बॉर्डर के जरिये पंजाब से आयात करता है, लेकिन इस साल वह मुख्य रूप से गुजरात और महाराष्ट्र से जल मार्ग से आयात कर रहा है।' जयदीप कॉटन इस साल पाकिस्तान को कपास की 80,000 गांठों का निर्यात कर चुकी है। पान के मुताबिक पाकिस्तान के साथ अनुबंध 32,500 रुपये प्रति कैंडी के आसपास किए गए हैं।
पाकिस्तान के अलावा बांग्लादेश, म्यांमार और इंडोनेशिया जैसे देश भी भारत से कपास का आयता कर रहे हैं। वर्ष 2014-15 के दौरान भारत का कपास निर्यात घटकर 54 लाख गांठ रहा था। वर्ष 2013-14 में चीन को निर्यात 110 लाख गांठ रहा था, जो उसके अगले साल घटकर 25 लाख गांठ रहा। उद्योग के विशेषज्ञों ने कहा कि चालू वर्ष में चीन से आने वाली मांग पिछले साल से भी कम रहने का अनुमान है।
अहमदाबाद के एक प्रमुख कारोबारी अरुण दलाल ने कहा, 'पिछले साल देश का कुल कपास निर्यात घटकर 54 लाख गांठ रहा था, लेकिन इस साल देश का कपास निर्यात 60 से 65 लाख गांठ पर पहुंच सकता है। इसमें पाकिस्तान की अहम भूमिका होगी, उसका भारत से आयात इस साल 15 लाख गांठों का स्तर पार कर सकता है।' सीएआई के ताजा अनुमानों के मुताबिक देश का कपास उत्पादन वर्ष 2015-16 में 3.70 करोड़ गांठ होने का अनुमान है, जो पिछले साल 3.82 करोड़ गांठ रहा था। घरेलू खपत 3.25 करोड़ गांठ रहने का अनुमान है, जबकि इस साल आयात 14 लाख गांठ रहेगा।  (BS Hindi)

कोई टिप्पणी नहीं: