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01 मार्च 2016

मसालों का बढ़ेगा स्वाद, अगले साल तक शुरू होंगे तीन नए पार्क


छोटे किसानों, व्यापारियों और निर्यातकों की सहायता के लिए मसाला बोर्ड उत्तर प्रदेश, राजस्थान और गुजरात में तीन और मसाला पार्कों की स्थापना की योजना बना रहा है। हालांकि इनमें से दो पार्क अगले एक साल में काम करना शुरू कर देंगे, लेकिन गुजरात में प्रस्तावित पार्क की शुरुआत के बारे में अभी पक्का नहीं है क्योंकि राज्य सरकार की ओर से अभी जमीन आवंटित किया जाना बाकी है।
 भारतीय मसाला बोर्ड के अध्यक्ष ए जयतिलक ने कहा, 'छोटे किसानों, व्यापारियों और निर्यातकों की मदद के लिए हम तीन और मसाला पार्क शुरू करने की याजना बना रहे हैं। पार्क में सफाई, श्रेणीकरण, संसाधन और पैकेजिंग की सुविधाएं होंगी। प्रस्तावित तीन पार्कों में से दो अगले एक साल में शुरू हो जाएंगे।' मसाला पार्क मसालों के संसाधन व मूल्य संवर्धन और मसाला उत्पादों के लिए एक औद्योगिक पार्क होता है जिसमें अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार संसाधन की सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं। विशिष्टï क्षेत्रीय फसल के आधार पर एकीकृत कार्यों के लिए मसाला पार्क एक ऐसी सुविचारित पद्धति है जिसमें कृषि, फसल कटाई के बाद मूल्य संवर्धन के लिए संसाधन, पैकेजिंग, भंडारण और मसालों का निर्यात शामिल होता है और मसाला उत्पाद उपभोक्ता देशों की गुणवत्ता के विनिर्देशों के अनुरूप रहते हैं। फिलहाल भारत में छह मसाला पार्क हैं। तीन नए पार्क उत्तर प्रदेश के रायबरेली, राजस्थान के कोटा और गुजरात के ऊंझा में स्थापित किए जाएंगे। प्रत्येक पार्क की परियोजना लागत 20 करोड़ रुपये होगी।
 मसाला पार्कों में अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार संसाधन सुविधाएं होंगी जिसमें उत्पादों की सफाई, श्रेणीकरण, छंटाई, पिसाई, पैकेजिंग और भंडारण आदि शामिल हैं। इसके साथ ही बोर्ड सड़क, जलापूर्ति व्यवस्था, बिजली स्टेशन, अग्निशमन और नियंत्रण प्रणाली, प्रवाह उपचार संयंत्र, मूल मानदंडों को जांचने के लिए गुणवत्ता प्रयोगशाला, बैंक और डाकघर के काउंटर, रेस्तरां, कारोबारी केंद्र और गेस्ट हाउस की समान आधारभूत सुविधाओं को भी विकसित करेगा। मसाला बोर्ड के उपाध्यक्ष भास्कर शाह ने कहा, 'मसाला पार्क के लिए हम गुजरात में जमीन की मांग कर रहे हैं लेकिन राज्य सरकार से हमें अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है। राज्य सरकार द्वारा आवश्यक जमीन का आवंटन करने पर भी  बोर्ड पार्क निर्मित करेगा।'

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