कुल पेज दृश्य

30 जून 2016

कपास निर्यात बढ़ाने का भारत के पास मौका

पाकिस्तान का कपास आयात जुलाई 2017 में समाप्त होने वाले वर्ष के दौरान रिकॉर्ड उच्च स्तर पर रह सकता है। उद्योग जगत के अधिकारियों के मुताबिक, विश्व के इस चौथे बड़े उत्पादक देश (पाकिस्तान) में मौसम ठीक न रहने की वजह से किसानों को इस फसल का रकबा घटाना पड़ रहा है। पाकिस्तान में कपास की किल्लत ऐसे समय पैदा हुई है जब इस जिंस के सबसे बड़े उत्पादक भारत में लगातार दो साल सूखे से उत्पादन घटा है। इससे कपास की कीमतें और बढ़ सकती हैं। इस साल दोनों देश घरेलू मांग पूरी करने के लिए एक-दूसरे से कपास की खरीदारी कर चुके हैं।  ऑल पाकिस्तान टेक्सटाइल्स मिल्स एसोसिएशन (एपीटीएमए) के कार्यकारी सचिव सलीम सालेह के मुताबिक 'पाकिस्तान में कपास का रकबा 15 फीसदी घटा है। सरकार और उद्योग की कोशिशों के बावजूद सबसे अधिक उत्पादन करने वाले पंजाब सूबे के किसानों ने कपास का रकबा घटा दिया है।'   पिछले साल के अंत में बाढ़ और हाल के महीनों में कमजोर बारिश जैसे अप्रत्यााशित मौसम के कारण उत्पादकता को लेकर अनिश्चितता बढ़ी है, जिससे किसान कपास की बुआई से दूरी बना रहे हैं। पाकिस्तान कॉटन जिनर्स एसोसिएशन के चैयरमेन शाहजाद अली खान ने कहा, 'कि सान को अन्य फसलें फायदेमंद नजर आ रही हैं।' एपीटीएमए के मुताबिक, पाकिस्तान में 2015 में कपास का उत्पादन एक तिहाई गिरकर 97 लाख गांठ रह गया। इस वजह से उसे 40 लाख गांठ का रिकॉर्ड आयात करना पड़ा।   यह पिछले साल से 12 लाख गांठ अधिक था। खान ने बताया कि 1 अगस्त से शुरू हुए सीजन में भी मौसम का साथ नहीं मिला। मई और जून में कम बारिश से पंजाब में फसल को पहले ही नुकसान पहुंच चुका है। पाकिस्तान में कपास की बुआई अप्रैल से शुरू होती है और इसकी कटाई जुलाई में शुरू होती है।  हालांकि पाकिस्तान ने नए सीजन में 1.41 करोड़ गांठों के उत्पादन का लक्ष्य रखा है। लेकिन उद्योग जगत के अधिकारियों का अनुमान है कि इस साल उत्पादन लक्ष्य से कम रहेगा और अगले कुछ सप्ताह के दौरान होने वाली बारिश से उत्पादन तय होगा। पड़ोसी देश पाकिस्तान में कम उत्पादन से भारत के पास निर्यात का अवसर है। इस सीजन में भारत ने कपास की करीब 65 लाख गांठों का निर्यात किया जिसमें पाकिस्तान ने 20 लाख गांठों का आयात किया।  कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष धीरेन सेठ  ने कहा, 'पाकिस्तान को निर्यात में भारत को अन्य आपूर्तिकर्ता देशों पर बढ़त हासिल है क्योंकि भारत से निर्यात का भाड़ा कम पड़ता है। जब पाकिस्तान के खरीदार आयात शुरू करेंगे तो वे निश्चित रूप से भारत को सबसे ज्यादा तरजीह देंगे।' हालांकि भारत ने इस महीने पाकिस्तान से 20 हजार गांठ के आयात का अनुबंध किया है। इससे यह संकेत मिलता है कि भारत मेंं भी कपास की आपूर्ति कम है। (BS Hindi)

कोई टिप्पणी नहीं: