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29 जून 2016

चने की तेज चाल, दाल में भी उछाल

चने के बढ़ते दामों पर सरकार की सख्ती का भी कोई असर नहीं पड़ा है। मंडियों में कम आवक और उत्पादन घटने की आशंका के चलते चने का भाव 7,700 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच चुका है। खुदरा बाजार में चना दाल 100 रुपये प्रति किलोग्राम के पार पहुंच गई है। कारोबारियों का कहना है कि थोक बाजार में चना 9,000 रुपये प्रति क्विंटल और खुदरा बाजार में चना दाल 120 रुपये तक पहुंच सकती है। इस महीने चने के दाम 1,500 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ चुके हैं। 
 इस महीने की शुरुआत में हाजिर बाजार में चना 6,200 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा था। चने की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए सेबी ने 16 जून से चना वायदा कारोबार पर रोक लगा दी है। उस दिन वायदा बाजार में इसके दाम 6,844 रुपये प्रति क्विंटल बोले जा रहे थे। सेबी या सरकार की कोशिशों के बावजूद चने के दाम बढ़ रहे हैं, लेकिन ब्रोकिंग एजेंसी के विशेषज्ञ इस पर कुछ भी कहने से बच रहे हैं। उनका कहना है कि सेबी के फैसले पर वह कुछ नहीं बोल सकते हैं लेकिन एक बात साफ हो गई है कि महंगाई का वायदा कारोबार से कोई संबंध नहीं है। थोक बाजार में चने की बढ़ती कीमतों का असर चना दाल पर भी देखने को मिल रहा है। सरकारी भावों में चना दाल का अधिकतम मूल्य 100 रुपये प्रति किलोग्राम बताया जा रहा है। खाद्य एवं उपभोक्ता मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार खुदरा बाजार में चने की दाल 100 रुपये प्रति किलोग्राम पहुंच चुकी है, जो एक जून को 84 रुपये प्रति किलोग्राम थी। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश में चना दाल का औसत भाव 80 रुपये प्रति किलोग्राम बताया जा रहा है लेकिन खुदरा बाजार में दाम इससे बहुत अधिक हैं। मुंबई के खुदरा बाजारों में चना दाल 110-120 रुपये प्रति किलोग्राम बिक रही है। 
 देश के कई हिस्सों में सूखा पडऩे की वजह से इस साल देश में चने सहित दूसरी दलहन फसलों का उत्पादन कम होने के अनुमान जताए जा रहे हैं,  जिससे दालों के दाम तेजी से बढ़े हैं। उत्पादन कम होने की आशंका के चलते इस साल फरवरी से चने के दाम बढऩे लगे थे। ïफरवरी में वायदा बाजार में चने की कीमत 4,200 रुपये प्रति क्विंटल बोली जा रही थी, जबकि वायदा बाजार में चना 4,000 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा था यानी इस साल अभी तक चने के दामों में 3,700 रुपये प्रति क्विंटल का इजाफा हो चुका है। चना कारोबारी सतीश राठौड़ के मुताबिक आने वाले महीनों में आपूर्ति और घटने की आशंका के कारण किसान और छोटे कारोबारी फिलहाल माल नहीं बेच रहे हैं। फिलहाल बाजार में आपूर्ति बढऩे के आसार भी नहीं दिखाई दे रहे हैं। बारिश शुरू होने के कारण मंडियों में आवक और भी कमजोर हो सकती है जिससे कीमतें और बढ़ेगी। चना कारोबारियों ने कहा कि विदेश से सस्ता चना बाजार में आने में अभी करीब तीन महीने लगेंगे और खरीफ सीजन की दलहन फसल भी तीन महीने बाद ही बाजार में आएगी। इसे देखते हुए चने के दाम बढ़कर 9,000 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच सकते हंै।
 चने की कीमत बढऩे की सबसे बड़ी वजह उत्पादन कम होने की आशंका को माना जा रहा है लेकिन सरकारी अनुमान में इस बार चना पिछले साल की अपेक्षा अधिक होने की उम्मीद दिखाई जा रही है। तीसरे अग्रिम अनुमान के मुताबिक वर्ष 2015-16 में देश में चने का उत्पादन 74.80 लाख टन रहने का अनुमान लगाया गया है जबकि फरवरी महीने में जारी किए गए दूसरे अग्रिम फसल उत्पादन अनुमान में चना उत्पादन 80.9 लाख टन होने की बात कही गई थी। (BS Hindi)

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