कुल पेज दृश्य

15 जुलाई 2016

दलहन, तिलहन के साथ मोटे अनाजों की बुवाई बढ़ी, कपास की घटी

आर एस राणा
नई दिल्ली। देषभर के अधिकतर हिस्सों में मानसूनी वर्षा होने से जहां दलहन, तिलहन और मोटे अनाजों की बुवाई में बढ़ोतरी हुई है वहीं कपास की बुवाई अभी भी पिछड़ रही है। कपास की बुवाई चालू खरीफ में अभी तक केवल 75.41 लाख हैक्टेयर में हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक 93.22 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी।
दलहन की बुवाई में इस दौरान अच्छी बढ़ोतरी हुई है। देषभर में अभी तक 71.07 लाख हैक्टेयर में दलहन की बुवाई हो चुकी है जबकि पिछले खरीफ सीजन की समान अवधि में इनकी बुवाई 51.12 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई थी। खरीफ दलहन में अरहर के साथ ही उड़द और मूंग की बुवाई में बढ़ोतरी हुई है। चालू खरीफ में अरहर की बुवाई बढ़कर 29.19 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 18.62 लाख हैक्टेयर में ही बुवाई हो पाई थी। इसी तरह से उड़द की बुवाई पिछले साल की समान अवधि के 11.05 लाख हैक्टेयर से बढ़कर 17.16 लाख हैक्टेयर में और मूंग की बुवाई पिछले साल के 14.71 लाख हैक्टेयर के मुकाबले चालू खरीफ में 18.61 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है।
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में अभी तक 559.76 लाख हैक्टेयर में खरीफ फसलों की बुवाई हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 548.38 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी। तिलहनों की बुवाई भी पिछले सप्ताह की तुलना में बढ़ोतरी हुई है। चालू खरीफ में तिलहनों की बुवाई 130.12 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इनकी बुवाई 127.13 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी। खरीफ तिलहन में मूंगफली की बुवाई अभी तक 27.93 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 24.33 लाख हैक्टेयर में ही बुवाई हुई थी। सोयाबीन की बुवाई चालू खरीफ में अभी तक 95.62 लाख हैक्टेयर में हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 95.66 लाख हैक्टेयर में बुवाई हुई थी।
खरीफ की प्रमुख फसल धान की रोपाई चालू खरीफ में अभी तक 123.93 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 122.99 लाख हैक्टेयर में रोपाई हो पाई थी। मोटे अनाजों की बुवाई चालू खरीफ में अभी तक 105.98 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक 101.45 लाख हैक्टेयर में बुवाई हुई थी। गन्ने की बुवाई चालू खरीफ में 45.78 लाख हैक्टेयर में हुई है जबकि पिछले की समान अवधि में 44.80 लाख हैक्टेयर में बुवाई हुई थी।.......आर एस राणा

कोई टिप्पणी नहीं: