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11 अगस्त 2016

चीनी पर सरकारी सख्ती

चीनी की कीमतों में लगातार उछाल देखकर खाद्य मंत्रालय ने फिलहाल इसके वायदा कारोबार पर रोक लगाने और चीनी मिलों के लिए भंडारण सीमा तय करने की सिफारिश की है। ऐसा त्योहार करीब आने की वजह से किया गया है। फिलहाल केवल चीनी व्यापारियों और थोक व्यापारियों पर ही भंडारण सीमा लागू है। इधर एनसीडीईएक्स ने भी चीनी के वायदा सौदों में खरीद पर मार्जिन बढ़ाकर 45 फीसदी कर दिया है। इस कारण कारोबारी चीनी से हाथ खींच रहे हैं। खाद्य मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि अक्टूबर से शुरू हो सीजन में चीनी का उत्पादन कम रहने की आशंका है और एहतियातन यह कदम उठाया गया है। उन्होंने बताया कि त्योहारी मौसम में मांग भी पूरी हो जाए और चीनी की खुदरा कीमतें भी नहीं बढ़ें, इसके लिए खुले बाजार में उसकी आपूर्ति बढ़ाने की जरूरत महसूस की गई। आपूर्ति में कमी के खटके से देश के अधिकतर बाजारों में पिछले तीन महीने में चीनी के दाम 3 से 5 रुपये प्रति किलोग्राम तक बढ़ गए हैं और अभी यह 40-42 रुपये किलो बिक रही है।  मिलों का कहना था कि वे भंडार तभी घटा सकती हैं, जब कारोबारी माल उठाएंगे। लेकिन मंत्रालय के अधिकारियों को लगता है कि भंडारण सीमा के नाम पर मिलों ने माल दबा रखा है ताकि त्योहारी मौसम से पहले इसे ऊंची कीमतों पर बाजार में उतारकर मोटी कमाई की जा सके। त्योहारी मौसम शुरू होने में अब 15 दिन भी नहीं बचे हैं। उस दौरान चीनी के दामों में बढ़ोतरी की संभावना है क्योंकि मिठाइयों के लिए इसकी भारी मांग रहती है। उधर इस्मा कह रहा है कि इस बार का चीनी सीजन शुरू होते समय 71 लाख टन का भंडार पहले से मौजूद होगा और सीजन खत्म होते समय 43 लाख टन भंडार बचा रह जाएगा। इस बार चीनी का उत्पादन 232 लाख टन ही रह जाने की संभावना है। इस तरह हालात उतने डरावने नहीं लग रहे हैं। ऑल इंडिया शुगर ट्रेड एसोसिएशन का कहना है कि सरकार ने चीनी के उत्पादन से जुड़ी निर्यात सब्सिडी को वसूलने के लिए 1,000 रुपये प्रति टन का जो उपकर लगाया था, उसे खत्म किया जाना चाहिए। इससे बाजार में चीनी सस्ती हो जाएगी क्योंकि चीनी मिलें उपकर की रकम ग्राहकों से ही वसूलती हैं। उन्होंने अग्रिम लाइसेंस के तहत कच्ची चीनी के आयात की अनुमति भी मांगी है। इस बीच चीनी का वायदा कारोबार करने वाले प्रमुख एक्सचेंज एनसीडीईएक्स ने कल देर शाम एक परिपत्र जारी कर चीनी खरीद के वायदा सौदों पर मार्जिन बढ़ाकर 45 फीसदी और बिक्री पर 15 फीसदी कर दिया।

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