कुल पेज दृश्य

02 दिसंबर 2016

गेहूं, दलहन और तिलहनों की बुवाई बढ़ी, मोटे अनाजों की पिछड़ी

आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू रबी में जहां गेहूं के साथ ही दलहन और तिलहनों की बुवाई में बढ़ोतरी हुई है वहीं मोटे अनाजों की बुवाई अभी भी पिछे चल रही है। कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू रबी अभी तक देषभर में 415.53 लाख हैक्टेयर में फसलों की बुवाई हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इनकी बुवाई 382.84 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी।
रबी की प्रमुख फसल गेहूं की बुवाई बढ़कर अभी तक 173.93 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 152.56 लाख हैक्टेयर में ही बुवाई हो पाई थी। रबी दहलन की बुवाई अभी तक 112.95 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 99.83 लाख हैक्टेयर में बुवाई हुई थी। रबी दलहन की प्रमुख फसल चना की बुवाई बढ़कर 76.69 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 68.57 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी। मसूर की बुवाई भी बढ़कर चालू रबी में अभी तक 12.38 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 9.37 लाख हैक्टेयर में बुवाई हुई थी।
रबी तिलहनों की बुवाई चालू सीजन में अभी तक 70.70 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 64.21 लाख हैक्टेयर में ही बुवाई हुई थी। रबी तिलहन की प्रमुख फसल सरसों की बुवाई 61.73 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 54.32 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई थी। मूंगफली की बुवाई चालू रबी में बढ़कर 4.64 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 4.13 लाख हैक्टेयर में ही बुवाई हुई थी।
हालांकि मोटे अनाजों की बुवाई अभी भी पिछे चल रही है, अभी तक देषभर में केवल 44.59 लाख हैक्टेयर में ही मोटे अनाजों की बुवाई हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक 51.40 लाख हैक्टेयर में इनकी बुवाई हो चुकी थी। मोटे अनाजों में सबसे ज्यादा कमी ज्वार की बुवाई में आई है। ज्वार की बुवाई चालू रबी में अभी तक केवल 27.67 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल इस समय तक 35.12 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी। रबी मक्का की बुवाई भी चालू सीजन में अभी तक 10.15 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 9.53 लख हैक्टेयर में इसकी बुवाई हुई थी। जौ की बुवाई चालू रबी में 5.65 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 5.14 लाख हैक्टेयर में बुवाई हुई थी।..............आर एस राणा

कोई टिप्पणी नहीं: