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29 दिसंबर 2016

किसानों को एमएसपी से नीचे बेचनी पड़ रही है मूंग और अरहर

आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू खरीफ सीजन में जहां देश में अरहर और मूंग का बंपर उत्पादन हुआ है, वहीं सार्वजनिक कंपनियों के साथ ही प्रावइेट आयातकों द्वारा लगातार आयात भी किया जा रहा है। यही कारण है कि अरहर और मूंग के किसानों को मजबूतरी में अपनी उपज न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे भाव पर बेचनी पड़ रही है। हालांकि केंद्र सरकार द्वारा मूंग के साथ ही अरहर की एमएसपी पर खरीद भी कर रही है लेकिन खरीद नाममात्र की होने के कारण ज्यादातर किसानों को अपनी उपज एमएसपी से नीचे भाव पर बेचनी पड़ रही हैं।
चालू खरीफ विपणन सीजन के लिए केंद्र सरकार ने मूंग का एमएसपी 5,225 रुपये प्रति क्विंटल (बोनस सहित) तय किया हुआ है, जबकि मध्य प्रदेष की इंदौर मंडी में मूंग 4,600 रुपये, उत्तर प्रदेश की झांसी मंडी में 4,400 रुपये, राजस्थान की केकड़ी मंडी में 4,400 रुपये और महाराष्ट्र की अकोला मंडी में 4,800 रुपये प्रति क्विंटल बिक रही है। इसी तरह से अरहर का एमएसपी चालू खरीफ विपणन सीजन 2016-17 के लिए केंद्र सरकार ने 5,050 रुपये प्रति क्विंटल (बोनस सहित) तय किया हुआ है जबकि उत्तर प्रदेश की कानपूर मंडी में अरहर के भाव 4,600 रुपये, मध्य प्रदेश की इंदौर मंडी में 4,200 रुपये, महाराष्ट्र की अकोला मंडी में 4,500 रुपये और दिल्ली के नया बाजार में भाव 5,000 रुपये प्रति क्विंटल हैं।
केंद्र सरकार ने फसल सीजन 2016-17 के लिए 20 लाख टन दलहन का बफ्र स्टॉक बनाने का फैसला किया हुआ है इसमें 10 लाख टन दालों का आयात विदेशों से किया जायेगा, जबकि बाकि 10 लाख टन की खरीद घरेलू मंडियों से की जायेगी। सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार के पास 6.95 दालों का स्टॉक हो चुका है इसमें करीब 50 फीसदी से ज्यादा आयातित दालों का स्टॉक है। अतः ऐसे में घरेलू मंडियों से खरीद सीमित मात्रा में ही की जा रही है।
कृषि मंत्रालय के पहले आरंभिक अनुमान के अनुसार चालू खरीफ में अरहर की रिकार्ड पैदावार 42.9 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल इसका उत्पादन 24.6 लाख टन का हुआ था। इसी तरह से खरीफ मूंग का उत्पादन बढ़कर 13.5 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल इसका उत्पादन 10.2 लाख टन का हुआ था। अरहर की बंपर पैदावार के बावजूद इसका आयात लगातार (प्राइवेट आयातकों के साथ ही सार्वजनिक कंपनियों द्वारा) किया जा रहा है, जबकि आगामी दिनों में उत्पादक मंडियों में इसकी दैनिक आवक और बढ़ेगी, ऐसे में घेरलू बाजार में अरहर के साथ ही मूंग की कीमतों में और भी गिरावट आने का अनुमान है।.............आर एस राणा

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