कुल पेज दृश्य

13 जनवरी 2017

रबर के दाम ढाई वर्ष में सबसे अधिक

देश में प्राकृतिक रबर के दाम सीमित आपूर्ति और मजबूत वैश्विक संकेतों से गुरुवार को उछलकर ढाई साल के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गए। तीन डीलरों ने बताया कि प्राकृतिक रबर के सबसे बड़े उत्पादक थाईलैंड में आपूर्ति प्रभावित होने से वैश्विक स्तर पर भी इस जिंस की कीमतें मजबूत हुई हैं। प्राकृतिक रबर की कीमतों में बढ़ोतरी से टायर बनाने वाली कंपनियों की कच्चे माल की लागत बढ़ेगी, जिससे उनके मुनाफे पर भी दबाव बढ़ेगा। गौरतलब है कि टायर बनाने की कुल लागत में 40 फीसदी हिस्सा प्राकृतिक रबर का होता है। देश में प्राकृतिक रबर का सबसे ज्यादा उत्पादन करने वाले राज्य केरल के कोट्टायम बाजार में सबसे ज्यादा कारोबार वाले आरएसएस-4 रबर के हाजिर दाम 200 रुपये बढ़कर 14,500 रुपये (213.24 डॉलर) प्रति 100 ग्राम पर पहुंच गए, जो जून 2014 के बाद का सर्वोच्च स्तर है।
कोट्टायम के एक डीलर जॉर्ज वली ने कहा, 'किसान कीमतें और बढऩे की उम्मीद में अभी बिकवाली नहीं कर रहे हैं। विदेशी बाजारों में भी कीमतें लगातार बढऩे से तेजी का रुझान मजबूत हो रहा है।' थाईलैंड के प्रमुख रबर उत्पादक क्षेत्रों में बाढ़ से आपूर्ति प्रभावित होने की चिंताएं बढ़ी हैं। इससे बेंंचमार्क टोकोम रबर वायदा चार साल के अपने सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गए हैं। उद्योग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बाढ़ की वजह से थाईलैंड में फसल वर्ष 2016-17 में रबर उत्पादन 10 फीसदी घटेगा। बंबई स्टॉक एक्सचेंज में मजबूती के बावजूद अपोलो टायर्स लिमिटेड, जेके टायर ऐंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड, सीएट लिमिटेड और एमआरएफ लिमिटेड सहित भारतीय टायर कंपनियों के शेयर गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे। (BS Hindi)

कोई टिप्पणी नहीं: