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11 मार्च 2017

कृषि मंत्रालय दलहन आयात पर शुल्क लगाने के पक्ष में

आर एस राणा
नई दिल्ली। खरीफ के बाद रबी सीजन में भी दलहन की पैदावार ज्यादा होने से अरहर और मूंग के भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे आने के कारण कृषि मंत्रालय दलहन आयात पर शुल्क लगाने के पक्ष में है।
कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चालू फसल सीजन में घरेलू पैदावार तो ज्यादा हुई ही है, साथ ही आयात भी लगातार हो रहा है जिससे अरहर और मूंग के भाव एमएसपी से नीचे बने हुए हैं, ऐसे में इसका असर आगामी सीजन में इनकी बुवाई पर ना पड़े इसलिए मंत्रालय दलहन आयात पर शुल्क लगाकर आयात बंद करना चाहता है। उन्होंने बताया कि हाल ही में संबंधित मंत्रालय के अधिकारियों की बैठक हुई थी, जिसमें दलहन आयात का मसला भी उठा है।
दिसंबर से फरवरी के दौरान मटर, चना, अरहर, और मसूर का बड़ी मात्रा में आयात हुआ है जबकि चना और अरहर का आयात तो इस समय सीमित मात्रा में हो रहा है, लेकिन मटर और मसूर का आयात ज्यादा मात्रा में हो रहा है जबकि मसूर और मटर की घरेलू फसल की आवक उत्पादक मंडियों में बनने लगी है तथा आगे इनकी दैनिक आवक बढ़ेगी। ऐसे में माना जा रहा है मसूर के भाव भी उत्पादक मंडियों में एमएसपी से नीचे आने की आशंका है।
सूत्रों के अनुसार कृषि मंत्रालय दलहन आयात पर शुल्क लगाने का प्रस्ताव होली के बाद संबंधित मंत्रालयों को भेजेगा, अगर सहमति बनी तो फिर दलहन आयात पर शुल्क लग सकता है।
चालू खरीफ सीजन के लिए अरहर का एमएसपी 5,050 रुपये प्रति क्विंटल (बोनस सहित) है जबकि उत्पादक मंडियों में भाव 4,200 से 4,600 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं, इसी तरह से मूंग का एमएसपी 5,225 रुपये प्रति क्विंटल (बोनस सहित) है जबकि इसके भाव भी उत्पादक मंडियों में 4,400 से 4,800 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं। मसूर का एमएसपी चालू रबी के लिए 3,950 रुपये प्रति क्विंटल है जबकि मध्य प्रदेश की मंडियों में नई मसूर 3,700 से 3,800 रुपये प्रति क्विंटल बिक रही है।
कृषि मंत्रालय के दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2016-17 में दलहन की रिकार्ड पैदावार 221.4 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल इसकी पैदावार 163.5 लाख टन की हुई थी।..........आर एस राणा

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