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10 जुलाई 2017

11 जुलाई 2017 का मॉनसून पूर्वानुमान

मॉनसून बीते कुछ दिनों से उत्तर भारत में पंजाब से पहले ही टीका हुआ है। मॉनसून की उत्तरी सीमा यानि एनएलएम आज भी बाड़मेर, सीकर, सोनीपत, शिमला, उना और जम्मू में बनी रही।
उत्तर भारत में जम्मू कश्मीर और इससे सटे उत्तरी पाकिस्तान पर एक पश्चिमी विक्षोभ बना हुआ है।
उत्तरी पंजाब से उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड होते हुए पश्चिम बंगाल के गंगीय भागों तक एक ट्रफ रेखा बनी हुई है। बिहार और इससे सटे भागों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र दिखाई दे रहा है।
राजस्थान के दक्षिण-पश्चिमी हिस्सों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है।
पिछले 24 घंटों के दौरान पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और असम में मॉनसून की व्यापक सक्रियता देखने को मिली। इन राज्यों में भीषण वर्षा दर्ज की गई है।
इसके अलावा ओड़ीशा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, केरल और उत्तरी कोंकण तथा गोवा में भी मॉनसून सक्रिय बना रहा और अच्छी बारिश हुई।
बीते 24 घंटों के दौरान सिलीगुड़ी में 189 मिलीमीटर की भारी बारिश हुई। गोरखपुर में 159 मिमी, कूच बिहार में 156 मिमी, उत्तरी लखीमपुर में 143 मिमी, सुंदरनगर में 124 मिमी, हरनाई में 110 मिमी, चेरापुंजी और पासीघाट में 97 मिमी, पारादीप में 95 मिमी, बांकुरा में 80 मिमी, अम्बिकापुर में 63 मिमी और भावनगर में 52 मिलीमीटर बारिश हुई।
दिल्ली और इससे सटे शहरों के साथ-साथ हरियाणा और राजस्थान में मॉनसून
अगले 24 घंटों के दौरान मॉनसून का प्रदर्शन और संभावित वर्षा
अगले 24 घंटों के दौरान उत्तराखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून सक्रिय रहेगा। इन भागों में भारी वर्षा की गतिविधियां जारी रहने की संभावना है।
बिहार, पश्चिम बंगाल, मेघालय, मणिपुर और मिज़ोरम में भी मॉनसून के प्रभावी रहने का अनुमान है। इन भागों में भी भारी वर्षा दर्ज किए जाने के आसार हैं।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओड़ीशा में मॉनसून की सामान्य हलचल देखने को मिलेगी। इन भागों में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने का अनुमान है।
बीते कुछ समय की शांति के बाद तटीय महाराष्ट्र में फिर से मॉनसून प्रभावी हो सकता है। जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में भी मॉनसून सक्रिय होगा। इन भागों में बारिश बढ़ सकती है।
कर्नाटक, दक्षिणी तमिलनाडु, मध्य महाराष्ट्र, गुजरात, पूर्वी राजस्थान और मध्य प्रदेश में मॉनसून कमजोर ही बना रहेगा।.......www.skymet.com

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