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01 जुलाई 2017

बासमती चावल के निर्यात में कमी, गैर-बासमती की निर्यात मांग बढ़ने का अनुमान

आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष 2017-18 के मई महीन में बासमती चावल का निर्यात घटकर 4,06,389 लाख टन का ही हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष 2016-17 के मई महीने में 4,13,034 लाख टन बासमती चावल का निर्यात हुआ था।
एपिडा के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2017-18 के पहले दो महीनों अप्रैल-मई में बासमती चावल का निर्यात बढ़कर 7,95,795 टन का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष 2016-17 की समान अवधि में बासमती चावल का कुल निर्यात 7,49,803 टन का ही हुआ था।
गैर बासमती चावल का निर्यात चालू वित्त वर्ष 2017-18 के पहले दो महीनों में घटकर 10,26,003 टन का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष 2016-17 की समान अवधि में इसका निर्यात 10,89,247 टन का निर्यात हुआ था। सूत्रों के अनुसार बंगलादेश और श्रीलंका की गैर-बासमती चावल में आयात मांग बढ़ने का अनुमान है। बंगलादेश ने जून महीने में 1.50 लाख टन सफेद चावल और पार-बाईल्ड चावल के आयात के लिए निविदा आंमत्रित की थी, तथा एक निविदा और अगले सप्ताह आने की उम्मीद है। सफेद चावल के भाव में जनवरी से अभी तक करीब 15 फीसदी की तेजी आई है। जनवरी में सफेद चावल के भाव 360 से 370 डॉलर प्रति टन (एफओबी) थे जोकि बढ़कर 420 से 430 डॉलर प्रति टन (एफओबी) हो गए हैं।
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ सीजन में धान की रौपाई अभी तक केवल 38.93 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले खरीफ सीजन की समान अवधि में इसकी रौपाई 39.08 लाख हैक्टेयर में हुई थी। उत्पादक राज्यों में मानसूनी बारिश होने से चालू महीने में धान की रौपाई में और तेजी आयेगी। जानकारों के अनुसार चालू खरीफ में गैर बासमती के मुकाबले बासमती धान खासकर के पूसा 1,121 और पूसा 1,509 की रौपाई ज्यादा होने का अनुमान है जबकि इस समय बासमती चावल में निर्यात मांग सामान्य ही बनी हुई है इसलिए घरेलू बाजार में आगे बासमती चावल के साथ ही धान की मौजूदा कीमतों में और भी मंदा आने का अनुमान है।.....   आर एस राणा

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